24 News update नई दिल्ली, 4 मई 2025: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तानी हैकर्स ने भारतीय यूजर्स को निशाना बनाकर साइबर हमलों की नई रणनीति अपनाई है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि हैकर्स मालिशियस PDF फाइलों के जरिए भारतीयों के कंप्यूटर, लैपटॉप और स्मार्टफोन को हैक कर रहे हैं। ये हमले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद तेज हुए हैं, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। साइबर सुरक्षा फर्म क्विक हील टेक्नोलॉजीज के मुताबिक, पाकिस्तानी हैकर ग्रुप APT36 (ट्रांसपेरेंट ट्राइब) ‘पहलगाम आतंकी हमले पर रिपोर्ट’ जैसी PDF फाइलें भेज रहा है, जो फिशिंग डोमेन indiadefencedepartment[.]link से जुड़ी हैं। इन फाइलों को खोलने पर CrimsonRAT मालवेयर और MeshAgent जैसे टूल्स डिवाइस में इंस्टॉल हो जाते हैं, जिससे हैकर्स पूरा नियंत्रण ले लेते हैं।
पाकिस्तानी हैकर ग्रुप्स जैसे पाकिस्तान साइबर फोर्स, IOK हैकर्स और टीम इनसेन PK ने भारतीय वेबसाइटों पर हमले तेज कर दिए हैं। हाल ही में राजस्थान शिक्षा विभाग, आर्मी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, आर्मी पब्लिक स्कूल (रानीखेत और श्रीनगर), और भारतीय वायुसेना के वेटरन्स पोर्टल को हैक कर भड़काऊ संदेश और प्रोपेगेंडा पोस्ट किए गए। राजस्थान शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर हैकर्स ने दावा किया कि पहलगाम हमला भारत सरकार का षड्यंत्र था। महाराष्ट्र साइबर विभाग के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद 10 लाख से अधिक साइबर हमले दर्ज किए गए, जिनमें से कई पाकिस्तान से आए। भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने कई हमलों को नाकाम किया, लेकिन खतरा अभी बरकरार है।
भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसियां और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (NCSC) इन हमलों की रीयल-टाइम निगरानी कर रहे हैं। साइबर हाइजीन SOPs लागू करने और मजबूत सुरक्षा उपायों के निर्देश दिए गए हैं। क्विक हील के सीईओ विशाल सलवी ने कहा कि पाकिस्तान समर्थित साइबर अभियान रक्षा, सरकार और बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहे हैं। भारत ने पहलगाम हमले के बाद राजनयिक कदम उठाए, जिनमें अटारी बॉर्डर पर चेक पोस्ट बंद करना, SAARC वीजा छूट निलंबित करना और उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या कम करना शामिल है।
साइबर विशेषज्ञों ने भारतीय यूजर्स को सलाह दी है कि वे अज्ञात स्रोतों से आई PDF फाइलें या ईमेल न खोलें, संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें, अपडेटेड एंटीवायरस और फायरवॉल का उपयोग करें, नियमित पासवर्ड बदलें, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्रिय करें, और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी साइबर क्राइम सेल को दें। विशेषज्ञों का मानना है कि ये हमले पाकिस्तान की हाइब्रिड युद्ध रणनीति का हिस्सा हैं, जिसमें आतंकवाद और सूचना युद्ध शामिल हैं। ब्लैकबेरी की 2024 रिपोर्ट के अनुसार, APT36 ने पहले भी भारतीय रक्षा और एयरोस्पेस संगठनों पर जासूसी की है।
पाकिस्तानी हैकर्स के बढ़ते हमलों ने भारत की साइबर सुरक्षा को और मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित किया है। सरकार और निजी क्षेत्र डिजिटल संपत्तियों की रक्षा के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भविष्य में AI-आधारित मालवेयर और डीपफेक तकनीकों से हमले और जटिल हो सकते हैं। भारतीय नागरिकों और संस्थानों को सतर्क रहने और साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता देने की जरूरत है।

