24 News update राजसमंद। केंद्र सरकार ने किसानों के लिए ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का दायरा और विस्तृत कर दिया है। अब जंगली जानवरों द्वारा फसल नुकसान और जलभराव से होने वाली क्षति भी फसल बीमा के अंतर्गत शामिल की जाएगी। नई व्यवस्था खरीफ 2026 से लागू होगी। यह फैसला देशभर के किसानों, विशेषकर वन्यजीव प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत का बड़ा कदम माना जा रहा है। राजसमंद के किसानों को लंबे समय से हो रहे फसल नुकसान को देखते हुए सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ लगातार इस मुद्दे को केंद्र स्तर पर उठा रही थीं। सितंबर 2025 में उन्होंने कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को विस्तृत पत्र भेजकर आग्रह किया था कि जंगली सूअर सहित अन्य जंगली जानवरों से हो रहे नुकसान को फसल बीमा योजना में जोड़ा जाए।
अपने पत्र में सांसद ने कहा था कि देशभर में किसान जंगली जानवरों से भारी नुकसान झेलते हैं, लेकिन यह नुकसान बीमा के दायरे में न होने से उन्हें किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं मिल पाती। किसानों की आजीविका की सुरक्षा के लिए इस जोखिम को बीमा योजना में शामिल किया जाना बेहद जरूरी है।
सरकार ने माना मुद्दा, शामिल किया नया ‘एड-ऑन कवर’
केंद्र सरकार ने सांसद के सुझाव और किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए इसे फसल बीमा योजना में ‘स्थानीयकृत जोखिम’ श्रेणी के पाँचवें एड-ऑन कवर के रूप में जोड़ा है। नई व्यवस्था के तहत— यदि जंगली जानवरों द्वारा फसल को नुकसान पहुँचता है, तो बीमित किसान 72 घंटे के भीतर फसल बीमा ऐप पर जियो-टैग्ड फोटो के साथ क्लेम दर्ज कर सकेगा। राज्य सरकारें प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करेंगी तथा नुकसान पहुँचाने वाले जानवरों की अधिकृत सूची भी जारी करेंगी। महत्वपूर्ण निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ ने कहा— “यह फैसला उन सभी किसानों के लिए राहत है जो वर्षों से जंगली जानवरों द्वारा फसल नुकसान झेलते रहे लेकिन उन्हें बीमा सहायता नहीं मिल सकी। मैं लगातार राजसमंद के किसानों की समस्या को संसद और मंत्रालय तक पहुँचाती रही हूँ। केंद्र सरकार का यह कदम लाखों किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करेगा।
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