24 News Update बेंगलुरु/गंगटोक। कर्नाटक की राजनीति में शनिवार को बड़ा झटका तब लगा जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र को सिक्किम से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत हुई है और उन पर ऑनलाइन व ऑफलाइन अवैध सट्टेबाजी के नेटवर्क को संचालित करने का आरोप है।
ED की टीम ने शुक्रवार को वीरेंद्र के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। तलाशी में अधिकारियों को करीब 12 करोड़ रुपए नकद, छह करोड़ की सोने की ज्वैलरी और एक करोड़ की विदेशी मुद्रा हाथ लगी। साथ ही चार लग्ज़री गाड़ियां, जिनमें विधायक के नाम रजिस्टर्ड एक मर्सिडीज कार भी शामिल है, जब्त की गई हैं। जांच एजेंसी ने उनके क्रेडिट कार्ड और कई संवेदनशील दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं।
वीरेंद्र कर्नाटक के चित्रदुर्ग विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि उनकी गोवा के कसीनो कारोबार में हिस्सेदारी है और वे पाँच कसीनो के मालिक बताए जा रहे हैं। इसमें चर्चित पप्पीज़ कसीनो का नाम भी शामिल है।
छापेमारी के दौरान जब्त नकदी का एक बड़ा हिस्सा तिजोरी में रखा मिला, जिसकी तस्वीरें ED ने सार्वजनिक की हैं। एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि बरामद रकम और संपत्ति के स्रोत की गहन जांच की जा रही है।
यह मामला कांग्रेस विधायकों पर ED की कार्रवाई की दूसरी बड़ी कड़ी है। इससे ठीक आठ दिन पहले 14 अगस्त को एजेंसी ने कर्नाटक के एक अन्य विधायक सतीश कृष्ण सैल के घर छापा मारकर 1.41 करोड़ रुपए नकद और 6.75 किलो सोना जब्त किया था। उनके और परिवार के कई बैंक अकाउंट, जिनमें 14.13 करोड़ रुपए जमा थे, फ्रीज कर दिए गए।
सैल पर आरोप है कि वर्ष 2010 में हुए अवैध लौह अयस्क निर्यात घोटाले में उन्होंने कंपनियों और बेलकेरी पोर्ट अधिकारियों के साथ मिलकर करीब 1.25 लाख मीट्रिक टन आयरन ओर गैरकानूनी तरीके से बाहर भेजा था, जिसकी कीमत 86.78 करोड़ रुपए आँकी गई है।
लगातार हो रही इन कार्यवाहियों से कर्नाटक कांग्रेस पर दबाव बढ़ गया है। विपक्ष का कहना है कि यह कार्रवाई सत्ता पक्ष की राजनीति से प्रेरित है, जबकि ED का दावा है कि ठोस सबूतों के आधार पर ही छापेमारी और गिरफ्तारी की गई है।
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