24 news update जयपुर– राजस्थान के नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव आने वाला है। अब प्रदेश के मरीज देश के किसी भी सरकारी और कुछ निजी अस्पतालों में बिना किसी अतिरिक्त पंजीकरण के मुफ्त इलाज करा सकेंगे। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत पंजीकृत लोगों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा। इसके लिए राज्य सरकार जल्द ही इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू करने जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि इस योजना के लागू होने के बाद राजस्थान के निवासी जन आधार कार्ड दिखाकर देश के किसी भी अधिकृत अस्पताल में मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए मरीजों को अलग से कोई पंजीकरण नहीं कराना होगा। अस्पतालों का सॉफ्टवेयर राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी से डेटा वेरिफाई करेगा, और अप्रूवल मिलते ही इलाज शुरू हो जाएगा।
राजस्थान सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, नई दिल्ली के साथ मिलकर तकनीकी प्रावधान कर रही है, जिससे जन आधार कार्ड और योजना में पंजीकृत लोगों का डेटा अन्य राज्यों और केंद्र सरकार की योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इससे राज्य से बाहर रहने वाले लाखों राजस्थानियों को फायदा होगा, साथ ही अन्य राज्यों के मरीज भी राजस्थान में इस योजना के तहत इलाज करा सकेंगे।
राजस्थान के नागरिकों को अधिकृत सरकारी और निजी अस्पतालों में यह सुविधा मिलेगी, बशर्ते वे राज्य या केंद्र सरकार की योजना से अधिकृत हों। इसी तरह, अन्य राज्यों के मरीजों को राजस्थान में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) कार्ड के माध्यम से इलाज की सुविधा दी जाएगी।
अगर राजस्थान का कोई नागरिक दूसरे राज्य में रहते हुए बीमार पड़ता है और वहीं इलाज कराना चाहता है, तो उसे अस्पताल में जन आधार कार्ड दिखाना होगा। अस्पताल के सॉफ्टवेयर से कार्ड का डेटा वेरिफाई होते ही राजस्थान सरकार से अप्रूवल मिल जाएगा और इलाज शुरू हो जाएगा। इमरजेंसी में भी जन आधार कार्ड या योजना के अन्य दस्तावेजों के आधार पर तत्काल चिकित्सा सुविधा दी जाएगी।
स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा विस्तार
✅ 2370 बीमारियों का इलाज मुफ्त
✅ राज्य सरकार ने योजना का बजट 3500 करोड़ रुपए तक बढ़ाया
✅ योजना में 9 नए डे-केयर पैकेज शामिल किए गए
✅ इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी अगले दो महीनों में लागू होगी
राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि योजना के तहत पंजीकृत लोगों को 25 लाख तक का ही कवरेज दिया जा रहा है। वर्तमान में राजस्थान में इस योजना के तहत 1.34 करोड़ परिवार पंजीकृत हैं, और हर दिन 8200 मरीजों को औसतन 9.42 करोड़ रुपए का मुफ्त इलाज दिया जा रहा है।
गायत्री राठौड़ के अनुसार, सरकार की प्राथमिकता योजना के सुचारू संचालन और मरीजों को बेहतर इलाज सुनिश्चित करना है। इसके लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के साथ मिलकर तकनीकी समस्याओं को दूर किया जा रहा है, ताकि योजना लागू होने के बाद किसी भी मरीज को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

