24 News Update सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। नगर के आसपुर मार्ग योगिन्द्र गिरी तलहट पर स्थित श्रीप्रभुदास धाम रामद्धारा मे मेडता उत्तराधिकारी संत रामनिवास शास्त्रजी महाराज ने सत्संग के दौरान रामजी के बालपन के लिलाऔ की कथा सुनाई। जब रामजी 15 बरस के हो गये ऋर्षि मुनिओ को दानव लोग परेशान करने लगे उनकी तपस्या को भंग करने लगे । परेशान होकर विश्वामित्र राज दशरथ के पास जाकर राम ओर लक्ष्मण को लेने की बात कही यह सुनकर दशरथ व्याकुल होगये अपने प्राणों से प्यारे पुत्रों को केसे अपने से दुर करे वशिष्ठ ऋर्षि के समझाने पर दशरथ ने राम ओर लक्ष्मण को विश्वामित्र को सोपते हुए कहा कि ये मेरे पुत्र नही ये मेरे प्राण हे। अब आप ही इनके सब कुछ है। राम लक्ष्मण ने दानवों को मार कर उनका उद्धार किया भगवान का जन्म तो सबका उद्धार करने के लिए हुआ है ।
संत ने कहा गोतम ऋषि की पत्नी अहिल्या जो श्राप की वजह से पत्थर की बनी हुई थी प्रभू की रज से उसका भी उद्धार हुआ। भगवान तो संसार को पावन करने वाले है। सत्संग के दौरान संत ने सद्गुरु तेरे चरणों की ,गुरू वर तेर चरणों की,धूल जो मिल जाये.., गुरू के चरणों की धूल से बेडा पार हो जाता है तकदीर बदल जाता है.. ., निर्मल मन से भगवान का संत्सग करना चाहिए जनकपुरी मे सभु लोग भाग्यशाली है सभी धर्म प्रेमी है राम ज्ञान है,लक्ष्मण वैराग्य है सीता भक्ति है। जीवन मे कोरा ज्ञान से शकाम नही चलता भक्ति का साथ होना भी आवश्यक है। सत्संग मेंसुश्री ध्रृवी पिता अरविन्दजी वैष्णव निवासी बांसवाडा परिवार द्धारा पोथी ओर व्यासपीठ का पूजन किया गया। सत्संग के दौरान आर्गन पर केलाश माकड इन्दोर ने तबले पर लोकेश ठाकुर ओर मंजीरे पर मंगेश भाटी अभिनव साउंड मेडता ने संगत दी। इस अवसर पर संत उदयराम महाराज बाल संत अमृतराम महाराज,राजेंद्र प्रसाद शुक्ला, लाल भाई भावसार, मधुकर भावसार,उपेंद्र भावसार, प्रसाद भावसार, प्रभाशंकर बरबुदनिया, , मिना भावसार,मधुबाला सोमपुरा, मोनिका भावसार,अरुणा भावसार, नैयना त्रिवेदी, अनिता सुथार, माधुरी भावसार,निर्मला भावसार, संगीता सोमपुरा आदि रामस्नेही भक्त उपस्थित रहे।
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