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मधुमक्खियों के हमले से केंद्रीय जल आयोग की टीम घायल, माही बांध का निरीक्षण करने पहुंचे थे अधिकारी

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24 न्यूज अपडेट, बांसवाड़ा। बांसवाड़ा जिले में माही बांध का निरीक्षण करने पहुंची केंद्रीय जल आयोग (CWC) की पांच सदस्यीय विशेषज्ञ टीम पर मधुमक्खियों ने अचानक हमला कर दिया, जिसमें कई अधिकारी घायल हो गए। यह घटना बुधवार शाम की है, जब दिल्ली से आए विशेषज्ञों ने माही डैम के सुधार और पुनर्वास कार्यों का निरीक्षण किया। हमले में घायल सभी पांच अधिकारियों को बांसवाड़ा के एमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
माही विभाग के अधिकारी प्रकाशचंद्र रेगर ने बताया कि केंद्रीय जल आयोग कानीगीरी से आए बांध विशेषज्ञ लवकुमार सिंह, रजनीश चोबे, भूपेश बरोड और प्रिंसराज सिसोदिया डाउनस्ट्रीम क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे थे, तभी मधुमक्खियों का झुंड उन पर टूट पड़ा। विशेषज्ञों की यह टीम माही डैम पुनर्वास और सुधार परियोजना (DRIP) के तहत 22 करोड़ रुपए की लागत से 2021 से 2024 के बीच किए गए कार्यों की गुणवत्ता और तकनीकी पहलुओं की जांच करने पहुंची थी। इस दौरान मिट्टी बांध के दोनों किनारों पर बने बरम का पुनर्निर्माण, ड्रेनेज होल्स की सफाई, ब्लॉक होल्स को कंप्रेस्ड एयर से खोलने और 250 केवीए डीजल जनरेटर सेट की आपूर्ति व स्थापना की जांच की गई।
इसके अलावा गेट पेंटिंग, गेटों के लिए होइस्ट सिस्टम, गैंट्री क्रेन, स्टॉप लॉग गेट और डैम की मुख्य दीवार पर बनी नई पक्की सड़क और उस पर लगी एलईडी स्ट्रीट लाइट्स की गुणवत्ता की भी जांच की गई। टीम ने स्पिल वे के विंग वॉल के विस्तार, सीढ़ियों की मरम्मत और स्काडा कंट्रोल रूम की स्थिति का भी आकलन किया।
दूसरे दिन का निरीक्षण
दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन टीम कागदी पिकअप वियर और उससे जुड़े हाईड्रोइलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट का निरीक्षण करेगी। माही डैम एक्सईएन प्रकाशचंद्र रेगर ने बताया कि निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि डैम पुनर्वास और सुधार परियोजना के तहत किए गए कार्यों से डैम की सुरक्षा पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। निरीक्षण के दौरान जयपुर से जल संसाधन विभाग के एईएन आरिफ, बांसवाड़ा से माही विभाग के एईएन प्रिंसराज सिंह, जेईएन भूपेश बारोड और डीआरआईपी योजना के तहत कार्यरत फर्म एम/एस PSSC इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, जालंधर (पंजाब) के इंजीनियर रजनीश चौबे भी उपस्थित रहे। विशेषज्ञ टीम द्वारा निरीक्षण के बाद डैम की सुरक्षा और स्थायित्व पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर केंद्रीय जल आयोग को सौंपी जाएगी।

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