24 News Update जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जूनियर इंस्ट्रक्टर (इलेक्ट्रिशियन) भर्ती 2024 के एक अभ्यर्थी को बड़ी राहत देते हुए उसके लिए एक पद रिक्त रखने और दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति सुदेश बंसल की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता सुनील कुमार जाटव की याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किए। यचिकाकर्ता के अधिवक्ता रविन्द्र सैनी ने अदालत को बताया कि सुनील कुमार ने 19 नवम्बर 2024 को लिखित परीक्षा दी थी, जिसमें उसे 120 में से 68 सवाल सही हुए और कुल 56.66 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए। जबकि दस्तावेज़ सत्यापन के लिए न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। इसके बावजूद बोर्ड ने उसे तकनीकी आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया।
ई-ऑप्शन न भरने को बनाया आधार
भर्ती नियमों के अनुसार, यदि कोई अभ्यर्थी किसी प्रश्न का उत्तर देना नहीं चाहता है, तो उसे उस प्रश्न में ‘ई’ विकल्प भरना अनिवार्य था। यदि कोई अभ्यर्थी कुल प्रश्नों में से 10% से अधिक सवालों को बिना ‘ई’ विकल्प भरे छोड़ देता है, तो उसे अयोग्य माना जाएगा। सुनील कुमार पर यही नियम लागू करते हुए बोर्ड ने उसे दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया से बाहर कर दिया। याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि परीक्षा के दिन उसकी तबीयत खराब थी, जिसकी सूचना उसने केंद्र अधीक्षक को भी दी थी। परीक्षा के बाद उसने बोर्ड को एक लिखित प्रतिवेदन भेजकर निवेदन किया था कि स्वास्थ्य कारणों से वह कुछ प्रश्न हल नहीं कर सका, अतः उसे ‘ई-ऑप्शन’ नियम से छूट दी जाए। परंतु बोर्ड ने उसके प्रतिवेदन पर कोई विचार नहीं किया और उसे अयोग्य ठहरा दिया।
अदालत का निर्देश: एक पद आरक्षित रखें
हाईकोर्ट ने प्रारंभिक तौर पर यह मानते हुए कि याचिकाकर्ता को दस्तावेज़ सत्यापन का अवसर मिलना चाहिए, संबंधित पद को फिलहाल रिक्त रखने और याचिकाकर्ता को दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई नियत तिथि पर होगी।
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