24 News update उदयपुर। भारतीय परंपरा में सिंदूर का विशेष स्थान है। यह न केवल विवाहित महिलाओं का सौंदर्य बढ़ाता है, बल्कि उनकी सामाजिक पहचान का भी प्रतीक है। लेकिन आजकल बाजार में उपलब्ध नकली या मिलावटी सिंदूर के कारण स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं।

मिलावटी सिंदूर में पाए जाते हैं जहरीले रसायन जैसे कि लेड (सीसा), मरकरी (पारा), कैडमियम, जो त्वचा पर जलन, एलर्जी, त्वचा संबंधी संक्रमण के साथ-साथ दीर्घकालीन रूप से फेफड़े, किडनी और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कई बार तो इन रसायनों के कारण कैंसर जैसे गंभीर रोग भी हो जाते हैं।


क्या हैं मिलावटी सिंदूर के खतरे?

  • त्वचा की जलन और दाग: नकली सिंदूर लगाने से चेहरा लाल हो सकता है, खुजली, सूजन और दाग हो जाते हैं।
  • बाल झड़ना और स्कैल्प इंफेक्शन: सिंदूर में रसायनों के कारण सिर की त्वचा प्रभावित होती है, जिससे बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं।
  • साँस लेने में दिक्कत: जहरीले धुएं से सांस की नली में जलन हो सकती है।
  • गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए ख़तरा: इनमें मौजूद विषैले तत्व गर्भस्थ शिशु के विकास को प्रभावित कर सकते हैं।

कैसे पहचानें असली और नकली सिंदूर?

  • सामग्री देखें: असली सिंदूर लाल रंग का होता है और हल्का तेलीय होता है। नकली सिंदूर की चमक ज्यादा और रंग कृत्रिम होता है।
  • पैकेजिंग का ध्यान रखें: हमेशा FSSAI प्रमाणित या ISI मार्क वाला सिंदूर ही खरीदें।
  • खुले बाजार से बचें: सड़क किनारे, मेलों में मिलने वाला सस्ता सिंदूर खरीदने से बचें।
  • पानी में घोल कर देखें: असली सिंदूर पानी में रंग नहीं छोड़ता, जबकि नकली सिंदूर पानी में रंग छूटता है।

सरकारी कदम और जागरूकता अभियान

फूड एंड ड्रग सेफ्टी विभाग समय-समय पर नकली सिंदूर की जांच करता रहता है। हाल ही में कई इलाकों में मिलावटी सिंदूर बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हुई है। जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूलों, महाविद्यालयों और समाज के बीच प्रचार-प्रसार के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।


विशेषज्ञों की सलाह

  • सिंदूर खरीदने से पहले उसके ब्रांड और प्रमाणीकरण की जांच जरूर करें।
  • त्वचा पर सिंदूर लगाने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें, जिससे एलर्जी का पता चले।
  • बच्चों के हाथों से सिंदूर दूर रखें, क्योंकि वे अक्सर इसे मुंह में डाल लेते हैं।
  • यदि सिंदूर से कोई जलन या परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

लोकल व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए संदेश

स्थानीय दुकानदारों से आग्रह है कि वे केवल प्रमाणित और गुणवत्ता वाली वस्तुएं ही बेचें। उपभोक्ता भी जल्दबाजी में सस्ता सिंदूर न खरीदें, बल्कि अपनी और अपने परिवार की सेहत के लिए सतर्क रहें। अपना और अपने परिवार का स्वास्थ्य सुरक्षित रखने के लिए ‘देखकर ही खरीदें सिंदूर’

सिंदूर मुख्यतः लाल रंग का पाउडर होता है, जो विवाहिता महिलाओं के माथे के बीच की खोपड़ी (मंगलसूत्र के नीचे) में लगाया जाता है। इसका उपयोग शुभता, ऊर्जा और वैवाहिक सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

सिंदूर के मुख्य घटक (Ingredients):

  • कायम (Mercuric Sulfide – HgS): पारंपरिक सिंदूर का मुख्य घटक है, जिसे रक्तवर्णरज (Cinnabar) भी कहते हैं। यह प्राकृतिक रूप में खदानों से प्राप्त होता है।
  • लाल सिन्दूर में उपयोग होने वाले अन्य पदार्थ: लाल ऑक्साइड ऑफ़ आयरन (Fe2O3), कॉपर सल्फेट, टाइटेनियम डाइऑक्साइड, अन्य रंगीन पिगमेंट।
  • बेस (आधार पदार्थ): अक्सर सिंदूर के पाउडर में चूना (कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड), राई (कस्तूरी) या सिंदूर को चिपकाने के लिए तेल (सरसों का तेल या नारियल तेल) मिलाया जाता है।

वैज्ञानिक प्रक्रिया:

  1. कायम (Mercuric Sulfide) का उत्पादन:
    • पारंपरिक रूप से कायम प्राकृतिक खदानों से प्राप्त होता है।
    • इसके बाद इसे पीसकर महीन पाउडर बनाया जाता है।
    • सिंदूर में इसका अनुपात 70-80% तक हो सकता है।
  2. रंग मिश्रण:
    • कायम के पाउडर में अन्य रंगीन ऑक्साइड या प्राकृतिक लाल रंग के पिगमेंट मिलाए जाते हैं।
    • इस मिश्रण को चिकना करने के लिए बेस (जैसे चूना या तेल) मिलाया जाता है ताकि सिंदूर त्वचा पर आसानी से लगे।
  3. सिंडूर का पाउडर तैयार करना:
    • सभी सामग्री को अच्छी तरह मिलाकर महीन पाउडर बनाया जाता है।
    • इसे पैकेजिंग के लिए तैयार किया जाता है।

वैज्ञानिक तथ्य और डेटा

घटक का नामउपयोग/भूमिकास्वास्थ्य पर प्रभावस्रोत/उदाहरण
Mercuric Sulfide (HgS)रंग का मुख्य घटक, लाल रंग का कारणविषैला, लंबे समय तक संपर्क से जहरीलाWHO रिपोर्ट
Iron Oxide (Fe2O3)रंगद्रव्य (पिगमेंट)सामान्यतः सुरक्षित, लेकिन कुछ त्वचा समस्याएं हो सकती हैंPubChem
Calcium Hydroxideपाउडर के स्थिरीकरण के लिएउच्च मात्रा में त्वचा जलन कर सकता हैNCBI
Natural oils (सरसों तेल, नारियल तेल)पाउडर के साथ मिश्रित कर चिकनापन लानासामान्यतः सुरक्षित, पर एलर्जी हो सकती हैविभिन्न प्राकृतिक तेल स्रोत

सिंदूर बनाने की परंपरागत और आधुनिक विधि में अंतर

  • पारंपरिक सिंदूर: प्राकृतिक कायम और अन्य प्राकृतिक सामग्री का उपयोग होता है। इसकी गुणवत्ता और शुद्धता पर निर्भर करता है कि सिंदूर सुरक्षित होगा या नहीं।
  • आधुनिक/मिलावटी सिंदूर: इसमें सिंथेटिक रंग, टैल्कम पाउडर, प्लास्टिक के कण, भारी धातु जैसे लेड, कैडमियम मिलाए जाते हैं, जो सस्ते और चमकदार होते हैं लेकिन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं।

मिलावटी सिंदूर में पाए जाने वाले खतरनाक पदार्थ

  • लीड ऑक्साइड (PbO): चमकदार लाल रंग के लिए।
  • कैडमियम सल्फाइड (CdS): रंग सुधारने के लिए।
  • आर्सेनिक, पारा: कुछ मामलों में जहरीले धातु।

इन पदार्थों के संपर्क में आने से त्वचा पर जलन, एलर्जी, दीर्घकालीन विषाक्तता, तंत्रिका तंत्र की खराबी, कैंसर आदि हो सकते हैं।


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By desk 24newsupdate

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