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बृजभूषण सिंह को नाबालिग पहलवान यौन शोषण केस में कोर्ट से बड़ी राहत, केस क्लोज; गोंडा में जश्न का माहौल

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24 न्यूज अपडेट, नेशनल डेस्क। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कैसरगंज के पूर्व सांसद और कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को नाबालिग पहलवान से यौन शोषण के मामले में बरी कर दिया है। कोर्ट ने यह फैसला उस वक्त सुनाया जब नाबालिग ने अपने बयान से पलटते हुए कहा कि उसने राजनीतिक व भावनात्मक दबाव में आकर आरोप लगाए थे और वास्तविकता में ऐसी कोई घटना नहीं घटी थी। इस बयान को कोर्ट ने ‘गंभीर परिवर्तनीय साक्ष्य’ मानते हुए पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे को खारिज कर दिया। इसके साथ ही बृजभूषण सिंह के खिलाफ चल रहे दो मामलों में से एक अब समाप्त हो गया है।

बृजभूषण बोले: बजरंगबली का आशीर्वाद है, अब दूसरा केस भी होगा खत्म
फैसले के बाद दैनिक भास्कर से बातचीत में बृजभूषण सिंह ने इसे “प्रभु श्रीराम और बजरंगबली का आशीर्वाद” बताया और कहा कि यह उनकी पहली बड़ी कानूनी जीत है। उन्होंने भरोसा जताया कि अन्य महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों पर चल रहा मुकदमा भी जल्द ही समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा, “कल मैं अयोध्या जाकर बजरंगबली के दर्शन करूंगा और फिर अपने माता मंदिर पहुंचकर आशीर्वाद लेकर घर लौटूंगा।”

पिता के आरोप, बेटी के बयान में फर्क
मामले की शुरुआत में नाबालिग पहलवान के पिता ने आरोप लगाया था कि बृजभूषण ने उनकी बेटी के साथ कई मौकों पर अनुचित हरकतें कीं और यौन शोषण की कोशिश की। आरोप था कि बृजभूषण ने झारखंड, लखनऊ और दिल्ली में ट्रायल के दौरान बेटी को परेशान किया और साथ न देने पर भेदभाव का शिकार बनाया। हालांकि, कोर्ट में 1 अगस्त 2023 को बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान नाबालिग ने साफ कहा कि उसने किसी दबाव में आकर आरोप लगाए थे और अब उसे क्लोजर रिपोर्ट पर कोई आपत्ति नहीं है। दिल्ली पुलिस पहले ही 15 जून 2023 को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर चुकी थी।

जश्न में डूबा गोंडा, आतिशबाजी से गूंजा नवाबगंज
फैसले की खबर मिलते ही बृजभूषण सिंह के गृहनगर गोंडा में उत्सव का माहौल बन गया। नवाबगंज नगर पालिका अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने नवाबगंज बाजार में जोरदार आतिशबाजी की। पटाखों और रॉकेट से पूरा इलाका गूंज उठा। बृजभूषण के खिलाफ कनॉट प्लेस थाने में दो एफआईआर दर्ज की गई थीं, एक आईपीसी की धाराओं के तहत, जिसमें हरियाणा की महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। दूसरी पॉक्सो एक्ट के तहत, जिसमें नाबालिग पहलवान शिकायतकर्ता थी।अब पॉक्सो केस समाप्त हो गया है, जबकि आईपीसी वाला केस अभी दिल्ली साउथ रेवेन्यू कोर्ट में लंबित है।

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