24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। अजाकस के प्रांतीय सम्मेलन में मध्य प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा आरक्षण विषयक टिप्पणी में ब्राह्मण समाज की बेटियों का उदाहरण देने से विवाद गहरा गया है। कथित बयान सामने आने के बाद ब्राह्मण समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है। समाजजनों का कहना है कि अधिकारी द्वारा सम्मेलन के मंच से कही गई यह बात–– “जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता, तब तक आरक्षण जारी रहे”––न केवल अमर्यादित है बल्कि समाज की गरिमा और महिलाओं की सम्मानहीन प्रस्तुति है।
समाज प्रतिनिधियों ने संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तथा अधिकारी के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा जाति विशेष की महिलाओं को लेकर इस प्रकार की टिप्पणी सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुँचाने वाली है और यह आचरण सेवा नियमों का गंभीर उल्लंघन माना जाना चाहिए।
ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकारी मंच पर एक उच्च पदस्थ अधिकारी द्वारा ऐसी टिप्पणी किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और यह सरकारी सेवा की प्रतिष्ठा के विपरीत है। समाजजनों ने मांग की कि संतोष वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच और बर्खास्तगी की अनुशंसा की जाए।
इस घटनाक्रम के बाद स्थानीय स्तर पर भी चर्चा तेज हो गई है। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने बयान को निंदनीय बताते हुए कहा कि यह प्रकरण केवल एक समाज नहीं, बल्कि पूरे समाज में महिलाओं के सम्मान से जुड़ा है। समाजजनों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन द्वारा जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे राज्य स्तर पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

