24 News Update जयपुर। राजधानी जयपुर में नकली नोटों के एक हाई-टेक नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने बड़ी सफलता हासिल की है। एसओजी ने 43 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं और इस नेटवर्क से जुड़े दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
सूत्रों के अनुसार, एसओजी की टीम पिछले 15 दिनों से इस गिरोह पर निगरानी कर रही थी। शुक्रवार देर रात करीब 12 बजे नारायण विहार इलाके में की गई कार्रवाई में यह बड़ा खुलासा हुआ।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बरामद किए गए ₹500 के नकली नोटों पर वाटरमार्क और सिक्योरिटी फीचर उभरे हुए दिख रहे हैं, जिससे वे पहली नज़र में असली जैसे लगते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नकली नोट निर्माण तकनीक अब अत्याधुनिक स्तर तक पहुंच चुकी है।
एडीजी एसओजी वी.के. सिंह ने बताया कि त्योहारों के सीजन में नकली नोटों का चलन बढ़ जाता है, इसलिए एसओजी ने पहले से ही सतर्कता बढ़ा रखी थी। खुफिया इनपुट मिला कि जयपुर में नकली नोटों की एक बड़ी खेप पहुंची है। इसके बाद एसओजी और नारायण विहार थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर आरोपियों को फ्लैट से गिरफ्तार किया।
बरामद रकम में 26 लाख रुपए के तैयार नोट और 18 लाख रुपए की बिना कटी शीटें मिली हैं। माना जा रहा है कि यह शीटें किसी बाहरी राज्य से जयपुर लाई गईं और यहां से अलग-अलग जिलों में सप्लाई की जानी थीं।
प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि एक लाख रुपए के असली नोट के बदले चार लाख रुपए के नकली नोट उपलब्ध कराए जा रहे थे। यह रैकेट राजस्थान के कई जिलों में फैला हो सकता है। पुलिस अब बीकानेर के एक मुख्य सप्लायर सहित कई ठिकानों पर रेड कर रही है। साउथ जिला पुलिस आगे की जांच संभाल रही है, जबकि एसओजी साइबर फॉरेंसिक टीम नकली नोटों की प्रिंटिंग तकनीक की जांच कर रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला बताता है कि त्योहारों के दौरान नकली करेंसी रैकेट किस तरह हाईटेक प्रिंटिंग तकनीक और डिजिटल सप्लाई चैन का इस्तेमाल कर रहे हैं — वहीं एसओजी की यह कार्रवाई ऐसे नेटवर्क के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है।
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