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त्योहारों से पहले ‘शुद्ध आहार मिलावट पर वार’ अभियान तेज: जिले में खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए, मिलावटखोरी पर कसेगी नकेल

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24 News Update उदयपुर। त्योहारों से पहले मिलावटखोरी पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। जिला कलक्टर नमित मेहता और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकर एच. बामनिया के निर्देश पर ‘शुद्ध आहार मिलावट पर वार’ अभियान के तहत जिले में खाद्य पदार्थों के उत्पादन, भंडारण और पैकेजिंग इकाइयों की जांच की जा रही है। यह विशेष अभियान 4 से 30 सितंबर तक संचालित होगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बामनिया ने बताया कि आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण, राजस्थान, डॉ. टी. शुभमंगला के निर्देशानुसार खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांचने के लिए विशेष टीम गठित की गई है। इस क्रम में बुधवार को खाद्य सुरक्षा दल ने रिको इंडस्ट्रियल एरिया, कल्लडवास स्थित विभिन्न इकाइयों का निरीक्षण किया और मौके से कई खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर उन्हें जांच हेतु प्रयोगशाला भेजा गया।

इन इकाइयों से लिए गए नमूने:
मैसर्स शक्ति इंटरप्राइजेज: बेसन और आटा
मैसर्स गुरुदेव भुजिया प्रोडक्ट्स: पामोलीन तेल और नमकीन
मैसर्स सपना फूड प्रोडक्ट्स: सेव, लौंग, मिर्च और नमक
मैसर्स जैन दाल मिल: आटा
मैसर्स जे.एम. एग्रो: मैदा
मैसर्स लाला मिष्ठान: बेसन के लड्डू
डॉ. बामनिया ने बताया कि नमूने की रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मिसब्रांड उत्पाद पाए जाने पर 3 लाख रुपये तक का जुर्माना, सब-स्टैंडर्ड उत्पाद पाए जाने पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना और असुरक्षित खाद्य पदार्थ पाए जाने पर 6 माह से लेकर आजीवन कारावास एवं 1 लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
निरीक्षण दल में शामिल अधिकारी: खाद्य सुरक्षा अधिकारी अशोक कुमार गुप्ता, नरेंद्र सिंह चौहान और जगदीश प्रसाद सैनी निरीक्षण दल में शामिल रहे।

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