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ड्रोन हमले की मॉक ड्रिल के दौरान मधुमक्खियों का हमलाः जान बचाने अधिकारी भागे, मॉक ड्रिल बनी असली आपदा

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24 न्यूज अपडेट झालावाड़। जिले के कालीसिंध बांध पर शनिवार शाम आयोजित ड्रोन हमले की मॉक ड्रिल के दौरान अचानक मधुमक्खियों के हमले से अफरा-तफरी मच गई। मॉक ड्रिल के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों पर झुंड बनाकर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया, जिससे वहां उपस्थित सभी अधिकारी जान बचाकर भागने को मजबूर हो गए। यह काल्पनिक आपदा अभ्यास अचानक वास्तविक संकट में बदल गया।
मॉक ड्रिल के दौरान असली आपदा का दृश्य
आपदा प्रबंधन की तैयारी परखने के लिए ड्रोन अटैक की स्थिति बनाई गई थी। जैसे ही जिला प्रशासन ने ड्रोन हमले की सूचना जारी की, आपदा राहत से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी अपनी टीमों और उपकरणों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। व्यवस्था संभाली ही जा रही थी कि अचानक मधुमक्खियों का हमला हो गया।
हमले में जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़, पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर समेत कई अधिकारी और कर्मचारी मौके पर मौजूद थे, जिन्हें जान बचाने के लिए भागना पड़ा। मधुमक्खियों के कारण मॉक ड्रिल का संचालन कुछ देर के लिए बाधित हो गया। मॉक ड्रिल की शुरुआत निर्धारित समय पर की गई थी, जिसमें ड्रोन हमले की काल्पनिक सूचना के बाद राहत और बचाव दलों को मौके पर बुलाया गया। तभी अचानक मधुमक्खियों का झुंड उड़ता हुआ आया और वहां मौजूद करीब एक दर्जन अधिकारियों और कर्मचारियों पर हमला बोल दिया। अधिकारी जान बचाने के लिए बांध की दीवारों, झाड़ियों और वाहनों की ओर दौड़ पड़े। कुछ कर्मचारियों को मधुमक्खियों ने काटा भी, जिन्हें मौके पर प्राथमिक उपचार दिया गया।
आपदा प्रबंधन की असली परीक्षा
इस अप्रत्याशित घटना ने प्रशासन को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आपदा की योजना बनाते समय प्राकृतिक जोखिमों को भी ध्यान में रखना आवश्यक है। यह घटना एक प्रकार से मॉक ड्रिल की उपयोगिता को भी प्रमाणित करती है, जहां व्यवस्थाएं केवल लिखित नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत से भी टकराती हैं। ड्रोन अटैक की तैयारी करते हुए प्राकृतिक खतरे जैसे मधुमक्खियों के हमले से निपटना भी भविष्य की योजना का हिस्सा होना चाहिए।

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