24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) उदयपुर के पद पर डॉ. शंकरलाल बामनिया की वापसी हो गई है। जोधपुर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को खारिज करते हुए उन्हें पुनः उसी पद पर कार्यभार संभालने के निर्देश दिए। डॉ. बामनिया ने शुक्रवार, जो ज्योतिबा फुले जयंती की छुट्टी का दिन था, उसी दिन ऑफिस पहुंचकर विधिवत रूप से कार्यभार ग्रहण कर लिया।
क्या था मामला?
जनवरी 2025 में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. बामनिया का तबादला उदयपुर सीएमएचओ से हटाकर जिला अस्पताल प्रतापगढ़ में उप नियंत्रक पद पर कर दिया था। यह न केवल तबादला था बल्कि एक प्रकार का डिमोशन भी था। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट की एकल पीठ में रिट याचिका दायर की।
एफिडेविट ने बदल दी दिशा
एकल पीठ ने राज्य सरकार के सहायक महाधिवक्ता (।।ळ) द्वारा प्रस्तुत 2008 के पुराने संशोधित नियमों (।उमदकउमदज त्नसमे) के आधार पर बामनिया की याचिका खारिज कर दी थी। लेकिन असल में 2012 में इन नियमों में संशोधन हो चुका था, जिसकी जानकारी एकल पीठ के समक्ष ठीक से प्रस्तुत नहीं हो पाई।
डॉ. बामनिया की ओर से अधिवक्ता बी.एस. संधु ने इस त्रुटि को खंडपीठ के समक्ष विशेष अपील के जरिए चुनौती दी। खंडपीठ ने पाया कि एकल पीठ के समक्ष जो एफिडेविट दिया गया था, वह अधूरी और भ्रामक जानकारी पर आधारित था। इस पर ।।ळ के प्रतिनिधि डॉक्टर बी.एल. स्वर्णकार ने कोर्ट में माफी भी मांगी।
ट्रांसफर का आधार भी झूठा निकला
खंडपीठ में सुनवाई के दौरान डॉ. बामनिया ने बताया कि उनका ट्रांसफर जनहित या प्रशासनिक कारणों से नहीं, बल्कि कुछ झूठी और मनगढ़ंत शिकायतों के चलते दंडात्मक रूप से किया गया। उनके वकील ने बताया कि इन शिकायतों की जांच के लिए बनाई गई कमेटी ने उन्हें झूठा पाया था और रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी गई थी।
खंडपीठ ने दिया यह आदेश
खंडपीठ ने 9 अप्रैल 2025 को अपना फैसला सुनाते हुए एकल पीठ का आदेश रद्द कर दिया और डॉ. बामनिया को पूर्ववत सीएमएचओ उदयपुर के पद पर कार्य जारी रखने के आदेश दिए। आदेश के अनुपालन में डॉ. बामनिया ने तुरंत कार्यभार संभाल लिया।
पूर्व में इस पद का अतिरिक्त प्रभार आरसीएचओ डॉ. अशोक आदित्य के पास था, जिसे अब डॉ. बामनिया ने विधिवत रूप से ले लिया है।
बामणिया फिर बने सीएमएचओ, गलत एफिडेविट पर किसने मागी माफी, खंडपीठ ने एकल पीठ का आदेश किया खारिज

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