Site icon 24 News Update

डेढ़ साल के मासूम पर सियार का हमला: खेत में खेलते समय हमला, पिता के पहुंचते ही भागा, अस्पताल में इलाज जारी

Advertisements

24 News Update . भीलवाड़ा |

भीलवाड़ा जिले के मांडल थाना क्षेत्र के गड़वाडिया का खेड़ा गांव में एक डेढ़ साल के मासूम बच्चे पर सियार ने अचानक हमला कर दिया। मासूम अपने माता-पिता के साथ खेत पर गया था, जहां वह खेल रहा था। तभी अचानक एक सियार वहां पहुंचा और बच्चे के चेहरे, सिर और नाक पर पंजों से हमला कर दिया

बच्चे की चीख-पुकार सुनकर उसके पिता तुरंत वहां पहुंचे, जिससे डरकर सियार खेतों के रास्ते भाग गया। घायल अवस्था में बच्चे को तत्काल स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में रेफर कर दिया गया

बच्चे को आई गंभीर चोटें, पांच टांके लगे

हमले में बच्चे के चेहरे, सिर और नाक पर गहरी चोटें आईं। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे के घावों पर पांच टांके लगाए गए हैं। हालांकि, इलाज के बाद उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है

कैसे हुआ हादसा?

घटना रविवार दोपहर की है, जब गड़वाडिया का खेड़ा गांव में रहने वाले दिनेश रैगर और उनकी पत्नी गेहूं की कटाई के लिए खेत पर गए थे। उनके साथ उनका डेढ़ साल का बेटा विराट भी था, जो वहीं खेत में खेल रहा था।

तभी अचानक एक सियार वहां पहुंचा और मासूम पर हमला कर दिया। उसने पंजों से बच्चे के सिर, नाक और चेहरे पर वार किया, जिससे मासूम बुरी तरह घायल हो गया।

पिता की तत्परता से बची जान

बच्चे की तेज चीख-पुकार सुनकर उसके पिता दिनेश रैगर तुरंत उसकी ओर दौड़े। पिता को आता देख सियार डरकर खेतों के रास्ते जंगल की ओर भाग गया

इसके बाद, दिनेश रैगर ने तुरंत अपने घायल बेटे को संभाला और उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। पहले स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया, लेकिन गंभीर चोटों के कारण डॉक्टरों ने बच्चे को भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल रेफर कर दिया

डॉक्टरों की निगरानी में मासूम

बच्चे को अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में भर्ती किया गया है, जहां डॉक्टर उसकी स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। परिजनों के अनुसार, फिलहाल बच्चा खतरे से बाहर है, लेकिन घटना के बाद परिवार काफी डर गया है

ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग को सूचना दी गई

इस हमले के बाद गांव में सियार के हमले को लेकर डर का माहौल बन गया है। ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना देकर क्षेत्र में गश्त बढ़ाने और सियारों को पकड़ने की मांग की है

ग्रामीणों के अनुसार, गांव और खेतों के आसपास जंगली जानवरों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे लोग डरे हुए हैं। इससे पहले भी क्षेत्र में मवेशियों और छोटे जानवरों पर सियार और अन्य जंगली जीवों के हमले की घटनाएं सामने आ चुकी हैं

परिजनों की आपबीती

बच्चे के पिता दिनेश रैगर ने बताया,
“हम दोपहर में गेहूं की कटाई करने के लिए खेत पर गए थे। मेरा बेटा वहीं पास में खेल रहा था। अचानक एक सियार आया और उसने मेरे बेटे पर हमला कर दिया। उसकी चीख सुनते ही मैं दौड़कर वहां पहुंचा और सियार को भगाया। मेरे बेटे को गंभीर चोट आई हैं, लेकिन भगवान का शुक्र है कि वह अब ठीक है।”

बच्चे के चेहरे, नाक और सिर पर गहरे घाव आए हैं, डॉक्टरों ने पांच टांके लगाए हैं और फिलहाल उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है

वन विभाग की कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम गांव पहुंची और हमले की जगह का निरीक्षण किया। वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि,
“हम जल्द ही क्षेत्र में पिंजरे लगाएंगे और सियारों की गतिविधि पर नजर रखेंगे। ग्रामीणों को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है।”

ग्रामीणों की अपील

गांव के लोगों ने वन विभाग से सियारों को पकड़ने के लिए उचित कार्रवाई करने की मांग की है ताकि आगे ऐसी घटनाएं न हों।

फिलहाल बच्चे की स्थिति स्थिर

बच्चा अब अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। परिवार और ग्रामीणों ने इस घटना के बाद प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है, ताकि भविष्य में गांव में जंगली जानवरों के हमले को रोका जा सके

Exit mobile version