Site icon 24 News Update

सहायक लोको पायलटों ने NWREU की RPZ शाखा को सौंपा ज्ञापन, ग्रेड पे 1900 से बढ़ाकर 2800 करने और रिस्क अलाउंस की मांग, 8वें वेतन आयोग को भेजा गया विस्तृत प्रतिवेदन

Advertisements

24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। भारतीय रेलवे के सहायक लोको पायलटों (ALP) द्वारा वेतनमान वृद्धि के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत नार्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन (NWREU) की RPZ शाखा के सदस्यों ने युनियन पदाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन सहायक लोको पायलट श्री विष्णु वैष्णव के नेतृत्व में शाखा सचिव श्री मुनेश मीना, शाखा अध्यक्ष श्री अरविंद चौधरी, कोषाध्यक्ष श्री रामरूप मीना एवं शाखा सचिव श्री निशीथ श्रीवास्तव को सौंपा गया।
ज्ञापन में सहायक लोको पायलटों ने प्रारम्भिक ग्रेड पे 1900/- से बढ़ाकर 2800/- करने की मांग की। साथ ही कहा गया कि 6वें और 7वें वेतन आयोग में ALP के ग्रेड पे में कोई अपग्रेडेशन नहीं हुआ, जिससे उनके पद और कार्य के अनुरूप वेतनमान नहीं मिल पाया। ALP ने इस बार आठवें वेतन आयोग के लिए गठित समिति के समक्ष ग्रेड पे अपग्रेडेशन के साथ-साथ रिस्क अलाउंस देने का भी निवेदन किया।

बड़ी संख्या में ALP हुए शामिल
इस अवसर पर लोको पायलट श्री राजकुमार जैन, श्री युधिष्ठिर विश्नोई, श्री महेंद्र मीणा सहित सहायक लोको पायलट सुरेंद्र रेगर, महावीरसिंह रावत, निशांत मेनारिया, आकाश गौड़, अनिल वर्मा, रामराज जी, भागचंद कुमावत, राकेश धाकड़, संतोष कुमार, दिनेश मीणा, महेश भांभी, विक्रमसिंह रावत, राकेश नाथ, राजेंद्रसिंह, दुर्गेश खराड़ी, शैलेंद्र कुमावत, परमेंद्र सालवी, नवीन राठौड़, प्रवीन राठौड़, शिवराज गुर्जर सहित अनेक साथी उपस्थित रहे।

ALP–TM के बीच 9,300 रुपए का वेतन अंतर
सहायक लोको पायलटों ने ज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में ALP को सातवें वेतन आयोग के लेवल-2 (₹19,900/- मूल वेतन) में रखा गया है, जबकि ट्रेन मैनेजर (TM) को लेवल-5 (₹29,200/- मूल वेतन) प्राप्त है। इस प्रकार दोनों पदों के बीच ₹9,300/- मासिक का सीधा वेतन अंतर है, जो ALP के अनुसार न केवल वित्तीय अन्याय है बल्कि उनकी जिम्मेदारियों और जोखिमपूर्ण कार्य की घोर उपेक्षा भी है।

‘हमसे ही चलती है ट्रेन, फिर भी हाशिये पर धकेला गया’
ALP कर्मचारियों ने कहा कि वे लोको पायलट के साथ इंजन में रहकर 24 घंटे ट्रेनों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करते हैं। उनकी ड्यूटी निरंतर सतर्कता, आपात स्थितियों में तुरंत निर्णय लेने और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी से जुड़ी होती है। इसके बावजूद उन्हें न्यूनतम श्रेणी का वेतनमान दिया जा रहा है। ज्ञापन में बताया गया कि यह वेतन अंतर कोई नई समस्या नहीं, बल्कि दशकों पुरानी संरचनात्मक असमानता है, जिसे न तो पिछले वेतन आयोगों ने सुधारा और न ही रेलवे प्रशासन ने गंभीरता से लिया। समय के साथ ALP और TM के बीच यह अंतर और अधिक बढ़ गया है।

स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर
ALP ने यह भी कहा कि उनकी ड्यूटी के स्वरूप से नींद, स्वास्थ्य और मानसिक तनाव पर गहरा असर पड़ता है। इसके बावजूद उचित वेतनमान न मिलना न केवल कर्मचारियों का शोषण है, बल्कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा और रेलवे की कार्यक्षमता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ALP संगठन ने आठवें वेतन आयोग से मांग की है कि सहायक लोको पायलटों का ग्रेड पे 1900 से बढ़ाकर 2800 किया जाए। कार्य की प्रकृति और जोखिम के अनुरूप रिस्क अलाउंस दिया जाए। ALP और TM के बीच वेतन विसंगति समाप्त की जाए तथा ALP को सम्मानजनक स्तर पर रखा जाए।

Exit mobile version