24 News Update जयपुर। राजस्थान की बहुचर्चित वन रक्षक भर्ती परीक्षा–2020 पेपर लीक मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे चौंकाने वाली परतें खुलती जा रही हैं। पुलिस के हत्थे चढ़ा सरकारी शिक्षक जबराराम जाट सिर्फ आरोपी नहीं, बल्कि इस संगठित अपराध का सोचने-समझने वाला दिमाग निकला है—जिसकी प्रेरणा खुद अख़बारों की सुर्खियों से पैदा हुई।
अख़बार पढ़कर बना ‘मास्टरमाइंड’
जांच अधिकारी एएसपी भवानी शंकर मीणा के अनुसार, थर्ड ग्रेड टीचर जबराराम शुरू से ही महत्वाकांक्षी था। उसने अख़बारों में बार-बार पढ़ा कि पेपर लीक में लोग करोड़ों कमा रहे हैं—यहीं से लालच ने अपराध की शक्ल ली। पैसे की तेज़ चाह ने उसे इस रैकेट का सरगना बना दिया।
पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि प्रश्नपत्र भोपाल स्थित रुचि प्रिंटिंग प्रेस से हासिल किया गया। इसी नेटवर्क के जरिए पेपर बाहर निकाला गया और फिर परीक्षा से पहले ही बाज़ार में उतार दिया गया। पुलिस का मानना है कि इस सौदे में भारी रकम का लेन-देन हुआ है, जिसकी रिकवरी अभी बाकी है।
बांसवाड़ा कोर्ट में पेशी, रिमांड की तैयारी
पुलिस जबराराम को आज बांसवाड़ा कोर्ट में पेश करेगी और 9 दिन की रिमांड मांगेगी। उद्देश्य साफ है—पैसे की पूरी चेन, लेन-देन के ठिकाने और फरार साथियों तक पहुंचना। मास्टरमाइंड ने पूछताछ में चार सहयोगियों के नाम बताए हैं, जिन्होंने पेपर उपलब्ध कराने में मदद की। इन सभी को पुलिस ने नॉमिनेट कर लिया है। खास बात यह है कि प्रिंटिंग प्रेस से पेपर बाहर लाने वाला व्यक्ति चिन्हित हो चुका है, लेकिन वह फिलहाल फरार है।
39 गिरफ्तार, 10–15 अब भी रडार पर
अब तक इस केस में 39 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि 10 से 15 अन्य लोग अभी भी रडार पर हैं। गोपनीयता और जांच की संवेदनशीलता को देखते हुए उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन आने वाले दिनों में डिटेल इंटेरोगेशन के जरिए बड़े खुलासे संभव हैं।

