24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। सरकारी कामों में लालफीताशाही हावि है। बिना सोचे समझे एसी कमरों में बैठ कर अफसरे ऐसी फैसले कर देते हैं जिनका खामियाजा सबको भुगतना पड़ता है। खास बात यह है कि करे कोई भरे कोई जैसी हालत हो जाती है। आज शिक्षा विभाग में ऐसा ही हो रहा है। अफसरों ने फरमान तो दे दिया कि शाला दर्पण पर परिणाम जारी होगा व वहीं से देखा दिखाया जाएगा डाउनलोड किया जाएगा मगर पूरी साइबर तैयारी नहीं होने से साइट की क्रेश होती नजर आ रही है। शाला दर्पण पोर्टल पर कक्षा 1 से 4 और 6, 7, 9 और 11 के परीक्षा परिणाम जारी करने के कारण भारी अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ग्रीष्मावकाश से पहले स्कूलों का आज अंतिम कार्य दिवस होने के कारण, लाखों छात्र और शिक्षक परिणाम प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ आज रिजल्ट जारी करने की जिद को ही अभिभावक जिम्मेदार बता रहे हैं। पोर्टल पर अत्यधिक दबाव के कारण, यह ठीक से काम नहीं कर रहा है। जिन स्कूलों में बिजली और कंप्यूटर की सुविधा नहीं है, उनके शिक्षक परिणाम प्राप्त करने के लिए अन्य स्कूलों और ई-मित्र केंद्रों के चक्कर काटने को मजबूर दिखाई दे रहे हैं। ऐसी हास्यास्पद स्थित के बावजूद अफसर कोई प्रयास करते नहीं दिखाई दे रहे हैं। छात्रों और शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, और परिणाम लेने आए छात्रों को शिक्षक जवाब देते देते थक गए हैं कि यह उनकी नहीं उपरी प्रभाव के असर से हुई गलती है। वे परिणाम देने में असमर्थ हैं। इस स्थिति से प्रदेश के लाखों छात्र प्रभावित हो रहे हैं। इस बारे में जब हमने राजस्थान पंचायती राज और माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान से वस्तुस्थिति जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि , “विभाग को परीक्षा परिणाम जारी करने की तिथि सत्र समाप्त होने से एक सप्ताह पहले की तय करनी चाहिए थी, ताकि यह परिस्थिति उत्पन्न नहीं होती।“
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