24 News Update चंडीगढ़। पंजाब के मोहाली की जिला अदालत ने अरुणाचल प्रदेश के पापुम पारे जिले के सागली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रायतु तेजी को चेक बाउंस के मामले में दो साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने विधायक समेत उनकी पत्नी और दो अन्य सहयोगियों को भी सजा सुनाते हुए 5.55 करोड़ रुपए का मुआवजा एक महीने के भीतर अदा करने का आदेश दिया है। यह मामला करीब साढ़े चार साल तक कोर्ट में चला। वकील तजिंदर सिंह ने इसे अपनी बड़ी कानूनी जीत बताया है।
क्या है पूरा मामला?
कुलविंदर सिंह नामक कारोबारी की कंपनी का टीके इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड से करार था। इस कंपनी के मालिक विधायक रायतु तेजी थे, जिन्होंने सड़क निर्माण के टेंडर लिए हुए थे। कुलविंदर की कंपनी ने विधायक को स्टील, सीमेंट और बिटुमेन जैसी निर्माण सामग्री मुहैया करवाई थी। शुरू में भुगतान नियमित होता रहा, लेकिन 2020 में आकर भुगतान में दिक्कतें शुरू हो गईं। इसके बाद विधायक ने 50 लाख रुपए का चेक जारी किया, जो बाउंस हो गया। पीड़ित ने मामला अदालत में दायर कर दिया। साढ़े चार साल तक केस चलने के बाद अब अदालत ने यह सख्त फैसला सुनाया है।
दलीलें भी दीं, कोर्ट ने नहीं मानी
सजा से बचने के लिए आरोपियों ने अदालत में कई दलीलें दीं। कहा गया कि वे सीनियर सिटिजन हैं। पहली बार ऐसा अपराध किया गया है। नरमी बरती जाए। लेकिन अदालत ने चेक बाउंस को गंभीर अपराध मानते हुए सजा सुनाई। वकील ने कहा — यह सिर्फ मजाक नहीं, गंभीर अपराध है पीड़ित पक्ष के वकील तजिंदर सिंह ने कहा कि लोग चेक बाउंस को हलके में लेते हैं, जबकि यह कानूनन गंभीर अपराध है। इस मामले में अदालत का सख्त रुख स्वागत योग्य है। अदालत ने सभी दोषियों को एक-एक महीने के भीतर कुल 5.55 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश भी दिया है।
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