24 News Update उदयपुर। ऑल राजस्थान इन सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन (ARISDA) की जिला शाखा, उदयपुर ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अपील की है कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सक शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (N.M.C.) के 30 जून 2025 के नवीन चिकित्सा शिक्षा नियमों का त्वरित क्रियान्वयन किया जाए।
ARISDA ने अपनी अपील में बताया कि राज्य सरकार द्वारा ग्रुप-2 के डिग्रीधारी और डिप्लोमा चिकित्सकों को मेडिकल कॉलेजों में शिक्षक पदों पर नियुक्त करने हेतु कमेटी गठन की पहल सराहनीय है। संगठन ने कहा कि इस कदम से न केवल शिक्षकों की कमी पूरी होगी बल्कि अनुभवी चिकित्सकों के अनुभव का लाभ मेडिकल छात्रों और मरीजों को भी मिलेगा।
पत्र में संगठन ने राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (RMCTA) द्वारा नई चिकित्सा शिक्षा नीति के विरोध में प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार की कड़ी भर्त्सना की। ARISDA ने कहा कि RMCTA ग्रुप-2 चिकित्सकों की योग्यता के संबंध में भ्रम फैला रहा है जबकि ये चिकित्सक वर्षों का वास्तविक क्लिनिकल और प्रशासनिक अनुभव रखते हैं। संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि कई ग्रुप-2 चिकित्सक पहले से ही मेडिकल कॉलेजों में यू.टी.बी. शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं और यदि उन्हें स्थायी रूप से ग्रुप-1 में समायोजित किया जाए तो चिकित्सक शिक्षकों की कमी स्थायी रूप से हल हो सकती है।
ARISDA ने यह भी सुझाव दिया कि राज्य में चिकित्सकों के तीन अलग-अलग प्रशासनिक कैडर—ग्रुप-1, ग्रुप-2 और राजमेस—के कारण कई प्रशासकीय अव्यवस्थाएं उत्पन्न होती हैं। संगठन ने सभी कैडरों को एकीकृत कर एक प्रशासनिक ढांचा बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उदयपुर शाखा ने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि N.M.C. के नवीन चिकित्सा शिक्षा नियमों का राज्य हित में शीघ्र क्रियान्वयन किया जाए, ताकि चिकित्सक शिक्षकों की कमी पूरी हो और चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हो।
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