24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा के तहत जिलेभर में सरकारी योजनाओं और सेवाओं को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से शिविरों का सिलसिला प्रभावी रूप से जारी है। जिला कलेक्टर नमित मेहता के निर्देशन में प्रत्येक पंचायत स्तर तक पहुंच बनाकर आमजन को लाभान्वित किया जा रहा है। शिविरों में विभिन्न विभागों से जुड़ी 63 से अधिक सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे ग्रामीणों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे।
ग्राम पंचायत स्तर पर हो रहे इन शिविरों में बड़ी संख्या में ग्रामीणजन पहुंच रहे हैं और अपने आवश्यक कार्य करवा रहे हैं। शिविरों में भूमि संबंधी विवादों का समाधान, सीमाज्ञान, नामांतरण, कुरेन्जात रिपोर्ट, रास्तों के प्रकरण, आपसी सहमति से बंटवारा जैसे राजस्व संबंधी कार्यों का मौके पर ही निस्तारण किया जा रहा है। साथ ही, स्वामित्व योजना में पट्टा वितरण, गरीबी मुक्त गांव योजना में बीपीएल परिवारों का सर्वे और उन्हें विभिन्न योजनाओं से जोड़ने का कार्य भी किया जा रहा है।
शिविरों में जलदाय विभाग द्वारा नल कनेक्शन जारी करना, लीकेज की मरम्मत, जल-दबाव जांच, पानी की टंकियों की सफाई जैसे कार्य किए जा रहे हैं, वहीं सिंचाई व्यवस्था के अंतर्गत नहरों की सफाई और मरम्मत भी सुनिश्चित की जा रही है। कृषि विभाग द्वारा मृदा नमूने लेकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण और नर्सरियों से पौधों का वितरण किया जा रहा है। पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं की जांच, उपचार, टीकाकरण एवं बीमा से जुड़े कार्य भी कराए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत कार्ड वितरण किया जा रहा है, वहीं एनएफएसए के लंबित प्रकरणों का भी मौके पर समाधान हो रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा प्रवेशोत्सव के जरिए विद्यालयों में नामांकन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जबकि विद्युत विभाग द्वारा झूलते तारों और खतरनाक पोलों की मरम्मत की जा रही है।
शिविरों की सफलता में अधिकारियों की सतत निगरानी भी अहम भूमिका निभा रही है। गोगुंदा पंचायत समिति अंतर्गत काछवा ग्राम पंचायत शिविर का निरीक्षण करते हुए जिला कलेक्टर नमित मेहता ने शिविर में मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप प्रत्येक लाभार्थी को समय पर सेवाएं मिले और कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं से वंचित न रहे।
शिविरों के आयोजन का दायरा लगातार बढ़ाया गया है। जिला प्रशासन के अनुसार हालिया चरण में गिर्वा उपखंड की नाई, उदंरीकला, पोपल्टी, भैंसड़ाखुर्द, भैंसड़ाकलां; भींडर उपखंड की सारंगपुरा, सालेड़ा; गोगुंदा की काछवा, गोगुंदा, बोखाड़ा, सायरा, सिंघाड़ा; खेरवाड़ा की ढिकवास, मगरा, कानपुर; झाड़ोल की मगवास, खाखड़, दमाणा, सोम, गरणवास; ऋषभदेव की जलपका, कोजावाड़ा, परेड़ा; नयागांव की छाणी, डबायचा; वल्लभनगर की महाराज की खेड़ी, करणपुर; बड़गांव की कैलाशपुरी, रामा; कोटड़ा की महाड़ी, सड़ा, गुरा, सावन का क्यारा, मेड़ी तथा मावली की लदानी, वासनीकलां, पलनाकलां और वारणी पंचायतों में भी शिविरों का सफल आयोजन किया जा रहा है।
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