24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। अपनी नाकामियां छिपाना तो कोई सरकारी अफसरों से सीखे। यह भी सीखे कि जब कोई नीति बनानी होती है तो केवल पॉलिटिकल आकाओं को खुश करने के लिए बिना सोचे समझे नियम बनाते हैं। जब अपने ही जाल में फंसते नजर आते हैं तो नियमों की ऐसी पतली गलियां निकलाते हैं जो भोले-भाले गरीब पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों पर भारी पड़ती नजर आती है। सरकार ने खुद फरमान निकाला था कि एक बार ही रजिस्ट्रेशन करने पर बार बार एग्जाम फीस नहीं लगेगी। उसके बाद अब सरकार ही कह रही है कि अगर फार्म भरा व दो एग्जाम में अनुपस्थित रहे तो वन टाइम रजिस्ट्रेशन लॉक कर देंगे, 1500 का नया भुगतान करना होगा। इसके पीछे तर्क दे रहे हैं कि स्टूडेंट फार्म भर देते हैं, एग्जाम में नहीं आते व इससे परेशानी होती है। भाई, तो यह सब पहले सोचना था नियम बनाते समय जो अफसर है उनसे पूछाना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया। यदि अभ्यर्थी नहीं आते हैं तो इसमें उन अभ्यर्थियों की क्या गलती है जो ऐन मौकेपर किसी परेशानी के चलते एग्जाम देने नहीं आ सकते हैं। जिनको सेंटर ही सैंकड़ों किलोमीटर दूर मिलता है जहां तक पहुंच पाने के लिए पर्याप्त धन तक नहीं होता। ऐसे विद्यार्थी तो दो बार एग्जाम देने नहीं जा पाए तो उनको 1500 की चपत लगना तय है। आश्चर्य होता है कि आखिर ऐसी कमरों में बैठ कर कैसे सरकारी अफसर ऐसे फैसले कर देते हैं, उनका सरकारी स्तर पर व्यापक प्रचार प्रसार भी करते हैं व चेतावनी अलग से देते हैं। इस मामले में कानूनी उपचार जरूर तलाशे जाने चाहिएं। अगर वास्तव में परीक्षार्थी व्यवस्था का दुरूपयोग कर रहे हैं तो अन्य उपायों से उस पर आसानी से लगाम लगाई जा सकती है।
सरकारी खबर में बताया गया है कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित समस्त भर्ती परीक्षाओं में वन टाइम रजिस्ट्रेशन के तहत 19 अप्रेल 2023 के परिपत्र अनुसार एकबारीय पंजीयन हेतु निर्धारित शुल्क लिया जाता है। इसके बाद आयोग/बोर्ड व अन्य भर्ती संस्थाओं द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में आवेदन करने पर अभ्यर्थियों से बार-बार शुल्क नहीं लिया जाता है। इस सुविधा के बाद ऐसा देखा जा रहा था कि भर्ती परीक्षाओं में बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थियों द्वारा भी आवेदन किया जा रहा है, जो उस भर्ती से सम्बन्धित पद की न्यून्तम शैक्षणिक योग्यता/अनुभव धारित नहीं करते है और वे परीक्षा में उपस्थित भी नहीं होते हैं। उक्त समस्या के निराकरण हेतु 19 अप्रेल 2023 को जारी परिपत्र की निरंतरता में राज्य सरकार के यह निर्देश प्राप्त हुए है कि यदि कोई अभ्यर्थी राजस्थान लोक सेवा आयोग अथवा राज्य सरकार की अन्य भर्ती संस्थाओं द्वारा एक वितीय वर्ष (दिनांक 01 अप्रैल से 31 मार्च) में आयोजित 02 भर्ती परीक्षाओं में उपस्थित नहीं होता है तो ऐसे अभ्यर्थी के ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
अभ्यर्थी द्वारा राशि 750/- का भुगतान करने के पश्चात् ही वन टाइम रजिस्ट्रेशन सुविधा को पुनः चालू किया जायेगा। उसी वित्तीय वर्ष में अभ्यर्थी 2 और परीक्षाओं में अनुपस्थित रहता है तो ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा को पुनः ब्लॉक कर दिया जायेगा। इसे पुनः चालू कराने के लिए अभ्यर्थी को राशि रु 1500/- का भुगतान करना होगा। यदि कोई आवेदक किन्हीं कारणों से किसी परीक्षा में उपस्थित होने का इच्छुक नहीं है तो उसे अनुपस्थित होने पर उक्त देय राशि से तब ही मुक्त किया जायेगा, जब वह परीक्षा आयोजित होने से एक माह पूर्व भर्ती एजेन्सी को निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से सूचित करेगा।
यह कैसा फैसला, किसने किया यह फैसला
स्टूडेंट्स का कहना है कि पहले सरकार व भर्ती एजेंसियां आश्वासन दें कि एग्जाम टाइम पर होगा। उसके बाद सेंटर केवल और केवल गृह जिलों में ही दिए जाएंगे। आवागम की सुविधा सुलभ होगी ताकि एग्जाम सेंटर्स तक आसानी से पहुंचा जा सके। तब जाकर वह यह निर्णय करे अन्यथा आंदोलन किया जाएगा।

