उदयपुर, 12 अक्टूबर। भारतीय लेखांकन परिषद की उदयपुर शाखा और राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय ऑल इंडिया अकाउंटिंग कॉन्फ्रेंस एवं इंटरनेशनल सेमिनार का पहला दिन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस दौरान लेखांकन, वित्त, डिजिटल अर्थव्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय कराधान और शिक्षा पर विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी सत्र आयोजित किए गए।
तकनीकी सत्रों में एआई, आय प्रबंधन और अंतरराष्ट्रीय कराधान पर चर्चा
पहले दिन विभिन्न तकनीकी सत्रों में देशभर के प्रोफेसरों, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों ने अपने शोध और विचार प्रस्तुत किए।
- लेखांकन और वित्त में कृत्रिम बुद्धिमत्ता
- अध्यक्ष: प्रो. एस. पी. अग्रवाल (एमेरिटस प्रोफेसर, साउथ एशिया यूनिवर्सिटी)
- सह-अध्यक्ष: प्रो. अशोक अग्रवाल (पूर्व विभागाध्यक्ष, राजस्थान विश्वविद्यालय)
- मुख्य वक्ता: प्रो. हेमेन्द्र डांगी (दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स)
- संयोजक: डॉ. शिल्पा वार्डिया (एमएलएसयू, उदयपुर)
- रैपोटियर: डॉ. मुकेश कुमार वर्मा और सुश्री पायल बडाला
दूसरे सत्र में भी इसी विषय पर गहन विचार विमर्श हुआ, जिसमें प्रो. अनिल कोठारी और प्रो. के. ए. गोयल ने अध्यक्षता की।
- आय प्रबंधन मुद्दे और चुनौतियाँ
- अध्यक्ष: प्रो. एस. के. सिंह (जीवाजी विश्वविद्यालय)
- सह-अध्यक्ष: प्रो. राचप्पा शेट्टे (IIM कोझिकोड)
- मुख्य वक्ता: प्रो. उदयलाल पालीवाल (निरमा यूनिवर्सिटी)
- समन्वयक: प्रो. आशीष कुमार सना
- डिजिटल अर्थव्यवस्था में अंतरराष्ट्रीय कराधान
- अध्यक्ष: प्रो. के. एरेसी (पूर्व प्रोफेसर, बेंगलुरु विश्वविद्यालय)
- सह-अध्यक्ष: प्रो. सुनील कुमार (IGNOU, नई दिल्ली)
- मुख्य वक्ता: सीए अभिषेक नागोरी (वडोदरा)
- संयोजक: डॉ. हिना खान
- लेखांकन शिक्षा पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
- अध्यक्ष: प्रो. वी. अप्पा राव (उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद)
- सह-अध्यक्ष: प्रो. प्रणम धर (पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय)
- मुख्य वक्ता: प्रो. के. वी. आचलपति
सत्रों में विशेषज्ञों ने लेखांकन और वित्त में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की संभावनाओं, नैतिक और व्यावसायिक आयामों पर गहन चर्चा की।
सांस्कृतिक संध्या ने बढ़ाया उत्साह
सम्मेलन के पहले दिन शाम को प्रतिभागियों के लिए सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इसमें अंतरराष्ट्रीय राजस्थानी लोकगीत कलाकार भुट्टे खान मांगनियार ने अपने लोक संगीत और गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने “पधारो म्हारे देश”, “निंबुडा”, “काल बेरिया डांस” और “दमा दम मस्त कलंदर” जैसी प्रसिद्ध प्रस्तुतियां दीं।
ओडीसी नृत्य की प्रस्तुति शेली श्रीवास्तव ने दी। कार्यक्रम में सभी कलाकारों का स्वागत और सम्मान कुलपति प्रो. कर्नल शिव सिंह सारंगदेवोत, प्रो. प्रतापसिंह चैहान और प्रो. के.एस. ठाकुर ने उपरणा और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि संगीत और संस्कृति किसी भी राष्ट्र की आत्मा हैं, और लोक कलाकार भुट्टे खान मंगनियार ने अपनी गायन प्रतिभा से देश-विदेश में लोक कला का सम्मान बढ़ाया है।
सम्मेलन का उद्देश्य और महत्व
इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य लेखांकन, वित्त और कराधान में नवीनतम तकनीकी दृष्टिकोण साझा करना तथा शैक्षणिक और व्यावसायिक पेशेवरों को वैश्विक मानकों से अवगत कराना है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम ने सम्मेलन को और भी जीवंत और रंगीन बनाया, जिससे देश-विदेश से आए प्रतिभागियों को राजस्थान की समृद्ध लोक संस्कृति का अनुभव मिला।

