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अहमदाबाद बनेगा कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 का मेजबान, भारत को मिली फिर से वैश्विक खेलों की मेजबानी

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24 News update नई दिल्ली. भारत ने खेल जगत में अपनी मजबूत उपस्थिति दोबारा दर्ज कराई है। स्कॉटलैंड के ग्लासगो में आयोजित कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स एग्जीक्यूटिव बोर्ड की बुधवार को हुई बैठक में अहमदाबाद को कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की आधिकारिक मेजबानी देने की घोषणा की गई। यह भारत के लिए 15 साल बाद कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी होगी। इससे पहले 2010 में नई दिल्ली में हुए गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों ने 38 गोल्ड समेत कुल 101 पदक जीते थे, जो भारतीय खेल इतिहास में अब भी एक यादगार उपलब्धि मानी जाती है।
2030 में होने वाला यह आयोजन भारत में लगभग 20 साल बाद होने वाले किसी बड़े मल्टी-स्पोर्ट्स इवेंट के रूप में भी महत्व रखता है। इससे पहले भारत ने 1951 और 1982 में एशियन गेम्स की मेजबानी की थी, वहीं 2003 में हैदराबाद में एफ्रो-एशियन कप का आयोजन भी हो चुका है। इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी मिलने से अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर अपनी पहचान मजबूत करने जा रहा है और शहर के खेल और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई दिशा मिलेगी।
कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी किसी भी देश के लिए केवल खेल आयोजन नहीं, बल्कि उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि, विकास क्षमता और खेलों के प्रति दृष्टि का भी प्रतीक मानी जाती है। अब तक केवल नौ देशों ने इस प्रतिष्ठित गेम्स की मेजबानी की है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया सबसे अधिक पांच बार की मेजबानी के साथ शीर्ष पर है। भारत द्वारा दूसरी बार इसकी मेजबानी मिलने से देश की वैश्विक विश्वसनीयता और खेल क्षमताओं को मजबूती मिलेगी।

कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 का आयोजन भारत के लिए ओलंपिक 2036 की मेजबानी के दृष्टिकोण से भी अहम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही भारत की ओलंपिक 2036 की मेजबानी की दावेदारी का ऐलान कर चुके हैं, और पिछले वर्ष औपचारिक तौर पर भारत ने इस दावेदारी को पेश भी किया था। CWG 2030 की मेजबानी मिलने से भारत की ओलंपिक 2036 की दावेदारी और मजबूत हो गई है।
भारत का कॉमनवेल्थ गेम्स में प्रदर्शन भी उल्लेखनीय रहा है। 2022 में बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 72 देशों के 5000 से अधिक खिलाड़ियों के बीच कुल 61 पदक जीते थे, जिनमें 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज शामिल थे। इन पदकों में से 30 पदक कुश्ती, वेटलिफ्टिंग और एथलेटिक्स से हासिल किए गए थे, जबकि महिला क्रिकेट टीम ने सिल्वर जीतकर इतिहास रचा।
कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास भी खास है। 1930 में कनाडा के हैमिल्टन में पहली बार इन खेलों का आयोजन हुआ था और इसे उस समय ब्रिटिश एम्पायर गेम्स कहा जाता था। 1978 से इसका नाम बदलकर कॉमनवेल्थ गेम्स कर दिया गया। 2030 के आयोजन के साथ यह प्रतियोगिता अपने 100 साल पूरे कर लेगी। अहमदाबाद में विश्व-स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार और शहर की अंतरराष्ट्रीय पहचान इस आयोजन को भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बना देगा।

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