नवाबगंज। सुबह की ठंड में जब गांव अभी पूरी तरह जागा भी नहीं था, तभी बाहर पांच गाड़ियां आकर रुकीं। दरवाज़े खुले, जैकेट पहने लोग उतरे। किसी ने धीरे से कहा—‘ED आई है।’
यही वो गांव है, जहां कभी अनुराग द्विवेदी साइकिल से निकलता था। वही रास्ते, वही घर, वही लोग। फर्क बस इतना कि अब उसके नाम के आगे ‘यूट्यूबर’ नहीं, बल्कि ‘जांच के घेरे में’ लिखा जा रहा है।
एक आम घर, एक असाधारण उड़ान
अनुराग किसी बड़े घर में पैदा नहीं हुआ। पिता लक्ष्मीनाथ द्विवेदी कभी ग्राम प्रधान रहे। घर में मां मंजू देवी, एक बहन। पढ़ाई-लिखाई सामान्य रही, ग्रेजुएशन तक।
2017–18 के आसपास की बात है। गांव में रहते हुए क्रिकेट का चस्का ऐसा लगा कि सट्टेबाजों के संपर्क में आ गया। पैसे डूबे। घरवालों को पता चला तो बात बढ़ी। पिता ने साफ कह दिया—‘यह रास्ता छोड़ो।’
अनुराग ने गांव छोड़ा। दिल्ली चला गया। और वहीं से उसकी जिंदगी ने यू-टर्न लिया।
यूट्यूब, लिंक और तेजी से बढ़ता पैसा
दिल्ली में उसने यूट्यूब शुरू किया। क्रिकेट पर वीडियो, फैंटेसी गेम्स, ड्रीम-11 जैसे ऐप्स। वीडियो के नीचे लिंक, प्रोमो कोड। जो जुड़ा, जो खेला—उसका कमीशन आता गया।
शुरुआत में किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन कुछ ही सालों में तस्वीर बदलने लगी।
पहले महंगी बाइक।
फिर गाड़ी।
फिर उससे भी महंगी गाड़ी।
आज उसी अनुराग के पास लैंबॉर्गिनी, BMW, मर्सिडीज और थार हैं। कुल कीमत—करीब 10 करोड़ रुपए।
दुबई, ठाठ और वह शादी
कुछ समय से अनुराग दुबई में रह रहा था। वहीं निवेश, वहीं प्रॉपर्टी।
22 नवंबर को उसने लखनऊ की अपनी प्रेमिका से दुबई में ‘क्रूज पर शादी’ की।
नवाबगंज से करीब 100 रिश्तेदार दुबई गए। आने-जाने, होटल, सब कुछ अनुराग के खर्चे पर। जब लोग लौटे तो गांव में सिर्फ तस्वीरें नहीं आईं—किस्से आए।
किस्से पैसों के।
किस्से शानो-शौकत के।
और वही किस्से धीरे-धीरे ‘जांच एजेंसियों’ तक पहुंच गए।
18 दिसंबर: जब दरवाज़े खुले
18 दिसंबर की सुबह ED की टीमें उन्नाव और लखनऊ के 9 ठिकानों पर पहुंचीं।
12 घंटे तक तलाशी चली।
बैंक ट्रांजैक्शन, जमीन के कागज, डिजिटल गैजेट—सब खंगाला गया।
अनुराग उस वक्त घर पर नहीं था।
लेकिन उसकी गाड़ियां थीं।
उसके खाते थे।
और अब सब ‘सीज’ हैं।
ED की शुरुआती जांच में क्रिकेट सट्टेबाजी, ऑनलाइन बैटिंग, हवाला और टिपिंग के जरिए कमाई के संकेत मिले हैं। पैसा कैसे आया, कहां गया—अब यही सवाल हैं।
इंस्टाग्राम पर दर्द, जांच में सवाल
कार्रवाई के बाद अनुराग ने इंस्टाग्राम पर लिखा—
‘जिन्हें इतना टैक्स दिया, आज वही तलवार लेकर खड़े हैं…’
यह उसका पक्ष है।
जांच एजेंसी का पक्ष फाइलों में दर्ज हो रहा है।
कहानी अभी अधूरी है
ED अब तीन एंगल से जांच कर रही है—
पैसा कमाने का तरीका,
विदेशी निवेश,
और नेटवर्क में शामिल लोग।
कभी साइकिल चलाने वाला यह लड़का इतनी तेजी से ऊपर कैसे पहुंचा—और क्या वह रास्ता सही था या नहीं—इसका जवाब अब जांच देगी।
फिलहाल, नवाबगंज में लोग बस इतना कहते हैं—
‘लड़का बहुत आगे निकल गया था… शायद बहुत तेज़।’
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