24 News update जयपुर, 22 जून।राजधानी जयपुर के सदर थाना परिसर में एक युवक द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। घटना के बाद पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए थानाधिकारी सहित 6 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। वहीं, मृतक के परिजन एसएमएस अस्पताल की मॉर्च्यूरी के बाहर धरने पर बैठ गए।
परिजनों की मांगों को लेकर कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास मौके पर पहुंचे और परिजनों से बातचीत की। परिजनों ने जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई और आर्थिक सहायता की मांग की।
सरकार और परिजनों के बीच बनी सहमति
परशुराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चतुर्वेदी ने जानकारी दी कि सरकार और परिजनों के बीच समझौता हो गया है। सामाजिक संगठनों की ओर से परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है। साथ ही, मृतक मनीष पांडे की पत्नी को संविदा पर नौकरी देने और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग भी मान ली गई है।
यह था मामला
शनिवार शाम जयपुर के सदर थाने में उत्तर प्रदेश निवासी 28 वर्षीय मनीष पांडे ने थाने के एचएम रूम के पास फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। बताया जा रहा है कि शराब के नशे में धुत मनीष बाइक चोरी करते हुए पकड़ा गया था। स्थानीय लोगों ने पिटाई कर पुलिस के हवाले कर दिया था। थाने में उसे नशे की हालत में एचएम रूम के पास बैठा दिया गया था। इसी दौरान उसने मौका पाकर फंदा लगाकर जान दे दी।
न्यायिक जांच के आदेश
पुलिस हिरासत में मौत के इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने थानाधिकारी, दो एसआई, दो हेडकांस्टेबल और एक कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया है। साथ ही, इस प्रकरण की जांच न्यायिक मजिस्ट्रेट से कराने के आदेश दिए गए हैं।
खाचरियावास ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता प्रतापसिंह खाचरियावास ने घटनास्थल पर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की और पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर लिखा — “जयपुर के सदर थाने में एक नौजवान मनीष पांडे, जिसकी दो छोटी बेटियां हैं, पुलिस की दहशत से तंग आकर आत्महत्या कर लेता है। परिवार न्याय की गुहार कर रहा है और राजस्थान की गूंगी-बहरी सरकार तमाशा देख रही है।”
एसएमएस अस्पताल की मॉर्च्यूरी के बाहर सुरक्षा तैनात
घटना के बाद से एसएमएस अस्पताल की मॉर्च्यूरी के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया है। मृतक का पोस्टमार्टम न्यायिक जांच के बाद ही कराया जाएगा।

