24 News Update उदयपुर। शहर के हिरणमगरी थाना क्षेत्र में आंगनबाड़ी में नौकरी दिलाने के नाम पर तलाकशुदा महिला से करीब 10 लाख रुपये व सोने के जेवर की ठगी के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने आरोपी शातिर अपराधी रेखा कुंवर और उसके लिव—इन पार्टनर रमेश गहलोत मेघवाल को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया, जहां से न्यायालय ने दोनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिए हैं। पूरी कार्रवाई थानाधिकारी भरत योगी के निर्देशन में की गई।
रिमांड के दौरान दबिश, दस्तावेज और कार बरामद
पुलिस रिमांड के दौरान शातिर आरोपियों से पूछताछ के बाद गणेशघाटी स्थित सुखवालजी के मकान में किराए के परिसर में दबिश दी गई। यहां से पीड़िता आराधना बोकड़िया के दो मोबाइल फोन, बैंक पासबुकें, एटीएम कार्ड, कुछ खाली स्टाम्प, सोने के जेवर सहित अन्य कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए। इसके अलावा पुलिस ने धोखे में रखकर लोन से खरीदा गया फ्रिज भी जब्त किया। वहीं सेक्टर 6 में तारा संस्थान की पार्किंग में रखी हुई आरोपियों की कार भी जब्त कर बरामद की गई, जो पुलिस के अनुसार ठगी की रकम से हाल ही में खरीदी गई थी।
आंगनवाड़ी में नौकरी का झांसा देकर बिछाया जाल
पुलिस के अनुसार, हिरणमगरी सेक्टर-4 स्थित आदर्श हाउसिंग सोसायटी, विद्या नगर निवासी आराधना पुत्री मदनलाल बोकड़िया ने रिपोर्ट में बताया कि उनकी उसकी पहचान तारा संस्थान में नौकरी के दौरान रेखा कुंवर से हुई थी। रेखा ने जरूरत बताकर उससे कई बार छोटी मोटी राशि उधार ली। इसी दौरान रेखा ने उसकी पहचान उसके साथ रहने वाले रमेश गहलोत मेघवाल से करवाई। रमेश ने रेखा को बेटी समान बताते हुए दुकान खोलने के नाम पर पीडिता से आर्थिक मदद का दबाव बनाया। बाद में दोनों ने मिलकर उसे आंगनबाड़ी में नौकरी दिलाने का झांसा दिया व कहा कि 5 से 7 लाख रूपए लगेंगे। इसके बाद वे बारी बारी से बहाने बनाते हुए पैसा लेते रहे। कभी जयपुर से किसी सर के आने का बहाना बनाकर लूटा तो कभी पोस्टिंग के प्रोसेस के नाम पर लूटा। यही नहीं खुद ही कई काल्पनिक नाम बनाते हुए अगल—अलग बहानों से ऐसी लूट मचाई कि आराधना के सभी खाते खाली कर दिए। उनका पीएफ का पैसा, पोस्ट आफिस आरडी का पूरा पैसा भी ले लिया। पोस्ट आफिस के बॉन्ड को बैंक आफ बडौदा में गिरवी रखवा कर लोन लेकर हड़प लिया। लोन की रिकवरी वाला जब घर पर आया तब मामले का भंडाफोड़ हुआ।
बैंक खातों और लोन का दुरुपयोग
एफआईआर के अनुसार नौकरी में जरूरत होने का झांसा देकर आरोपियों ने पीड़िता के बैंक खातों, पोस्ट ऑफिस पॉलिसियों, पीएफ खातों और लोन दस्तावेजों का जमकर दुरुपयोग किया। आरोप है कि उसके नाम पर आईडीएफसी बैंक से लोन ले लिया और ई-मित्र के माध्यम से अन्य खातों में करीब डेढ़ लाख रुपये डलवाए गए। इसके अलावा पीड़िता के खाते से हजारों रुपये भी निकाले गए। यही नहीं शातिर रेखा ने अपने भाई भैरोसिंह से भी चेक के जरिये राशि निकलवाई।
जेवर गिरवी रखवाकर की ठगी
पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उसके सोने-चांदी के जेवरात गिरवी रखवाकर, बैंक लोन और अन्य माध्यमों से 10 लाख से अधिक हड़प लिए।
15 दिसंबर को दर्ज हुई थी FIR
हिरणमगरी थाना पुलिस ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर 15 दिसंबर को की रात 11:38 बजे धारा 420 और 406 के तहत मामला दर्ज किया गया था। प्रकरण की जांच सहायक उप निरीक्षक सुरेश कुमार ने थानाधिकारी भरत योगी के निर्देशन में त्वरित कार्रवाई करते हुए दबिश देकर दोनों को पकड़ा। पुलिस का कहना है कि बरामदगी के बाद मामले में साक्ष्य मजबूत हुए हैं और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।

