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जैन संतों के स्वागत में उमड़ा श्रद्धा का ज्वार, श्री युगप्रभ मुनि जी म.सा. के पांच उपवास व मौन साधना

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24 News Update निंबाहेड़ा (कविता पारख)। श्री साधुमार्गी शांत क्रांति जैन श्रावक संघ के आचार्य श्री विजमराज जी म.सा. के आज्ञानुवर्ती तरुण तपस्वी श्री युगप्रभ मुनि जी म.सा. और आदर्श सेवारत्न श्री अभिनव मुनि जी म.सा. का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश सोमवार को नगर में श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न हुआ। संघ मंत्री अजय सिंघवी ने जानकारी दी कि दिवाकर भवन से मुनि मंडल का विहार भव्य शोभायात्रा के रूप में विभिन्न मार्गों से होते हुए नवकार भवन पहुंचा, जहाँ मांगलिक श्रवण कराई गई। इसके बाद मुनि मंडल कृषि उपज मंडी प्रांगण पहुँचा, जहाँ धर्मसभा आयोजित की गई। धर्मसभा में उपस्थित श्रद्धालुजनों को संबोधित करते हुए श्री युगप्रभ मुनि जी म.सा. ने कहा कि जैसे दूध में शक्कर डालने से तभी मिठास आती है, जब वह उसमें घोली जाती है — वैसे ही आत्मकल्याण के लिए जीवन में जिनवाणी रूपी शक्कर को घोलना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि चातुर्मास का यह अवसर आत्मा के उत्थान का श्रेष्ठ अवसर है, जिसे साधना और जिनवाणी के अमृत पान से सार्थक किया जा सकता है। श्री अभिनव मुनि जी म.सा. ने कहा कि यह चातुर्मास मर्यादा का पाठ सिखाने आया है। जीवन में मर्यादा, संयम और आत्मानुशासन के बिना सच्चा सुख नहीं मिल सकता। धर्मसभा में निंबाहेड़ा के पूर्व विधायक अशोक नवलखा ने कहा कि धर्म, जाति, वर्ग की भेद-रेखाओं से ऊपर उठकर सबको चातुर्मास का लाभ लेना चाहिए। सभा में महावीर छाजेड़ ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। संघ के राष्ट्रीय मंत्री विरेन्द्र जैन, विमल पामेचा (मंदसौर), निर्मल पितलिया (नीमच), संपत खोडपिमा (भदेसर), श्रीमती मधु मट्ठा (चित्तौड़) ने भी अपने विचार रखे। सभा में चित्तौड़गढ़, भदेसर, नीमच, मंदसौर, जावद, विजयनगर, छोटीसादड़ी, मंगलवाड़, शंभूपुरा, सतखंडा, लसड़ावन, चिकारड़ा, मंडावली, बिनोता आदि क्षेत्रों से आए बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे। चातुर्मास काल में भोजनशाला का सम्पूर्ण लाभ शशिकला, सुशील भड़क्तिया (निंबाहेड़ा) द्वारा लिया जाएगा। धर्मसभा का संचालन अभय जारोली ने किया। धर्म प्रवचन का प्रारंभ 9 जुलाई से नवकार भवन में प्रतिदिन किया जाएगा।

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