24 न्यूज अपडेट, सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। नगर के आसपुर मार्ग लोहारिया तालाब के सामने स्थित कान्हड़दास धाम बड़े रामद्वारा चातुर्मास में रामस्नेही संत श्री तिलकराम ने सत्संग में कहा कि जीव को भगवान के नाम की भूख भी लगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भगवान ने इस संसार में सभी जीव-जंतु बनाएं और सभी के चेहरे भिन्न बनाए। हर जीव का खान-पान भी अलग है। मानव शरीर भी बनाया, जिसमें 32 दांत पीसने का काम करते हैं, वह अपना कार्य भली-भांति करते हैं। लेकिन जीभ, जो स्वाद चखती और मीठा-कड़वा बोलती है, उसे भी सदा ‘राम-राम’ का जाप करना चाहिए।
संत ने कहा कि भूख लगने पर भोजन करते हैं, प्यास लगने पर पानी पीते हैं, उसी प्रकार जीव को भी राम नाम की भूख लगनी चाहिए। हर सांस में राम नाम का आनंद है। परमात्मा ने शरीर को राम नाम जाप के लिए सुरक्षित रखा है।
उन्होंने कहा कि रामचरितमानस और श्रीमद्भागवत गीता केवल ग्रंथ नहीं, बल्कि श्रेष्ठ जीवन जीने की कला सिखाने वाले महापुरुषों के अनुभव और प्रेरणाएं हैं।
संत ने कहा कि महिलाओं को परिवार में सुख-शांति बनाए रखने के लिए सकारात्मक सोच, रीति-रिवाजों, रिश्तों में सामंजस्य, संवेदनशीलता और विनम्रता जैसे गुण अपनाने चाहिए। ऐसी महिला का घर स्वर्ग कहलाता है।
प्रवक्ता बलदेव सोमपुरा ने बताया कि सत्संग में ‘राम भजले प्राणिया, अब शरीरों भी तो जावे रे’ जैसे भजनों पर भक्तजन झूम उठे।
संत प्रसाद : जयंतीलाल कंसारा परिवार का रहा।
सत्संग में रामस्नेही नाथू परमार, देवीलाल सोनी, विजय पंचाल, अनिल सोनी, दिनेश शर्मा सहित संगीता भावसार, पुष्पा सेवक, शकुंतला भावसार, हेमलता सोनी, संतोष पंचाल, चंदा सोनी, प्रेमलता शर्मा, भूरी परमार, मोती परमार सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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