
24 न्यूज अपडेट उदयपुर। भजन सम्राट नन्द किशोर नन्दू भैया अपने धर्मपत्नीजी के साथ वृन्दावन से उदयपुर आगमन से पूर्व डबोक एयरपोर्ट रोड स्थित निर्माणाधीन खाटूश्याम मन्दिर पहुँचे। यहाँ श्री श्याम सेवा ट्रस्ट के पदाधिकारियों और सैकड़ों भक्तों ने “हारे के सहारे की जय, जय श्री श्याम” के उद्घोष के साथ उनका भव्य स्वागत किया।
मंदिर निर्माण में समय का महत्व:
नन्दू भैया ने अपने सारगर्भित और संक्षिप्त प्रवचन में समय और सेवा के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा, “मंदिर निर्माण में धन देने वाले से समय देने वाला अधिक महान होता है,” और इसके उदाहरण के रूप में अशोक पोद्दार का उल्लेख किया, जो न केवल आर्थिक सहयोग बल्कि अपने अमूल्य समय का योगदान भी देते हैं। उन्होंने कहा कि समय देना सबसे बड़ा सेवा कार्य है, क्योंकि यह निःस्वार्थता और समर्पण का प्रतीक है।
निर्माण की प्रगति पर संतोष:
नन्दू भैय्या ने निर्माणाधीन मन्दिर और उसके मॉडल को देखकर गहरी प्रसन्नता और संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह मन्दिर न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि सेवा, त्याग और सामूहिक समर्पण का अद्वितीय उदाहरण भी है। उन्होंने मन्दिर निर्माण की प्रगति पर संतोष जताते हुए इसके शीघ्र पूर्ण होने की कामना की।
मार्गदर्शन और सहयोग का वचन:
मन्दिर निर्माण की प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियों का उल्लेख करते हुए नन्दू भैया ने ट्रस्ट के सदस्यों और भक्तों को निरंतर प्रेरित रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हर बाधा एक अवसर है और इसे सेवा भावना से पार किया जा सकता है। उन्होंने हर सम्भव सहयोग और मार्गदर्शन का आश्वासन देते हुए कहा, “ग्यारस में एक बार खाटू में मिलते रहना,” जो कि भक्तों के लिए एक विशेष आशीर्वाद की तरह था। इस अवसर पर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने नन्दू भैया को पाग, उपरणा, शाल ओढ़ाकर श्रीनाथजी की छवि भेंट की। यह सम्मान भक्तों की निष्ठा और आस्था का प्रतीक था। साथ ही, कार्यक्रम में अहमदाबाद से पधारे श्याम भक्त मनीष जी केमिता, राठौड़ और अन्य श्रद्धालु भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
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