Site icon 24 News Update

पाली का 12 वर्षीय बच्चा डांट के डर से घर से निकला, 3 ट्रेनें बदल 1320 किलोमीटर दूर पानीपत पहुंचा, 5 दिन बाद घर लौटा तो मां गले लगकर फूट-फूटकर रोई

Advertisements

24 News Update पाली. राजस्थान के पाली जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां 12 साल का एक बच्चा बिना बताए दोस्तों के साथ वाटरपार्क चला गया। देर रात तक घर नहीं लौटा, तो डांट के डर से भाग निकला। दो दिन में तीन ट्रेनें बदलकर 1320 किलोमीटर दूर हरियाणा के पानीपत जा पहुंचा। रास्ते में भूख से बेहोश हुआ, अजनबियों ने मदद की। पांच दिन बाद जब वह अपने परिवार से मिला, तो मां गले लगकर फूट-फूटकर रो पड़ी।

पाली से निकला, अहमदाबाद-मारवाड़ होते हुए पहुंचा पानीपत
पाली सदर थाना क्षेत्र का यह बच्चा 16 जून को अपने चार दोस्तों के साथ बिना बताए शहर के पुनायता रोड स्थित वाटरपार्क चला गया। जेब में पैसे पूरे नहीं थे, इसलिए पार्क में एंट्री नहीं मिल सकी। शाम तक भटकने के बाद बाकी दोस्त घर लौट गए, लेकिन यह बच्चा डर के मारे घर नहीं गया। वह 4 किलोमीटर पैदल चलकर पाली रेलवे स्टेशन पहुंचा और वहां खड़ी एक ट्रेन में चुपचाप सवार हो गया। उसके पास न टिकट था, न पैसा।
पहले वह ट्रेन से 380 किलोमीटर दूर अहमदाबाद पहुंचा।
वहां से दूसरी ट्रेन पकड़कर 340 किलोमीटर दूर मारवाड़ जंक्शन गया।
फिर तीसरी ट्रेन से 600 किलोमीटर सफर कर 18 जून को पानीपत (हरियाणा) पहुंचा।
भूख से बेहोश हुआ, अजनबियों ने की मदद
दो दिन से भूखा बच्चा पानीपत स्टेशन पर उतरा और पैदल चलने लगा। चलते-चलते वह एक जगह बेहोश होकर गिर गया। रास्ते से गुजर रही दो महिलाओं ने उसे उठाया, पानी पिलाया और खाना खिलाया। इसके बाद वह एक कोल्ड ड्रिंक ठेले पर पहुंचा और ठेलेवाले को अपने पिता का नंबर बताया। ठेलेवाले ने फोन कर बच्चे को उसके पिता से बात कराई और फिर स्थानीय पुलिस को सूचना दी। पानीपत पुलिस बच्चे को थाने ले गई। पाली पुलिस पहुंची पानीपत, मां ने देखकर गले लगा लिया पाली में बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट 16 जून को ही सदर थाने में दर्ज कराई गई थी। जैसे ही पिता को बेटे का पता चला, उन्होंने तुरंत पाली पुलिस को सूचना दी। इसके बाद हेड कॉन्स्टेबल भूंडाराम, कांस्टेबल हेमेन्द्र सिंह और बच्चे के पिता 19 जून को पानीपत पहुंचे। पुलिस ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्चे को सुपुर्द किया।
20 जून की सुबह जब बच्चा पाली सदर थाने लाया गया, तो मां ने उसे देखते ही गले से लगा लिया और फूट-फूटकर रो पड़ी। दादा की आंखें भी भर आईं। उन्होंने पुलिस और समाजसेवी गजेंद्र सिंह मंडली का आभार जताया।

Exit mobile version