24 News Update चित्तौड़गढ़। महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर चित्तौड़गढ़ जिले के भूपालसागर कस्बे में वीरता, बलिदान और स्वाभिमान की प्रतीक पांच ऐतिहासिक मूर्तियों से युक्त एक भव्य सर्किल का लोकार्पण गुरुवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया। जयपुर में निर्मित ये मूर्तियां अब “महाराणा प्रताप सर्किल” पर स्थापित होकर मेवाड़ की गौरवगाथा का स्थायी प्रतीक बन गई हैं। मुख्यमंत्री ने जैसे ही चेतक पर सवार महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण किया, उपस्थित जनसमूह ‘महाराणा प्रताप अमर रहें’ और ‘प्रताप की जय’ के नारों से गूंज उठा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने राणा पूंजा, पन्नाधाय, चंदन सिंह और महाराणा उदयसिंह की प्रतिमाओं का भी लोकार्पण किया। यह राजस्थान का पहला ऐसा सार्वजनिक स्थल है, जहां मेवाड़ के इतिहास में योगदान देने वाले पांचों महान व्यक्तित्वों की प्रतिमाएं एक साथ स्थापित की गई हैं।
प्रतिमाएं बनीं जयपुर में, स्थापित हुईं भूपालसागर में
घन मेटल से बनी ये प्रतिमाएं जयपुर के कुशल कारीगरों ने कई माह की मेहनत से तैयार की थीं। हाल ही में उन्हें विशेष वाहनों के माध्यम से भूपालसागर लाया गया और पूर्वनिर्मित चबूतरों पर धार्मिक विधि-विधान के साथ स्थापित किया गया।
सबसे बड़ी प्रतिमा महाराणा प्रताप की है, जिसकी ऊंचाई लगभग 15.25 फीट और वजन तीन टन है। परियोजना पर कुल 21 लाख रुपये का व्यय आया, जिसे जनसहयोग से जुटाया गया।
जनसभा में मुख्यमंत्री ने किए महत्वपूर्ण घोषणाएं
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेवाड़ की पावन भूमि, जहां शक्ति और भक्ति का संगम होता है, वीरता और त्याग की मिसाल रही है। उन्होंने कहा, “महाराणा प्रताप जैसे योद्धा के शौर्य को अकबर जैसा सम्राट भी नकार नहीं सका। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज प्रताप, पन्नाधाय और पूंजा जैसे महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित करने का अवसर मिला।”
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार “महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट” की अवधारणा पर कार्य कर रही है और शीघ्र ही “महाराणा प्रताप विश्वविद्यालय” की स्थापना की योजना को भी अंतिम रूप दिया जाएगा।
जल संकट समाधान और पर्यावरण पर फोकस
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने राज्य में जल संकट से निपटने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़, कपासन और उदयपुर क्षेत्र के लिए विशेष जल योजना बनाई गई है।
उन्होंने घोषणा की कि 5 जून को गंगा दशहरा और विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राज्यभर में “जल पूजन” कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें महिलाएं गांवों के जल स्रोतों की पूजा करेंगी। साथ ही हर व्यक्ति को अपनी मां के नाम पर एक पौधा लगाने का भी आह्वान किया गया। इस वर्ष 11 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि 2027 तक राज्य के हर किसान को दिन में बिजली देने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य शुरू हो चुका है। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जुलाई में “रोजगार उत्सव” आयोजित किया जाएगा। अब तक 67 हजार युवाओं को रोजगार मिल चुका है, जबकि 1.87 लाख पदों की नियुक्ति प्रक्रिया प्रगति पर है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “जब हमने 4 लाख नौकरियों का वादा किया, तो सवाल उठे थे। अब परिणाम सबके सामने हैं।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का किया उल्लेख, मोदी की तारीफ
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति और राष्ट्रहित में लिए गए फैसलों की प्रशंसा करते हुए हाल ही में भारत सरकार द्वारा सफलतापूर्वक चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी उल्लेख किया। इस ऐतिहासिक समारोह में सहकारिता मंत्री व बड़ीसादड़ी विधायक गौतम दक, सांसद सी.पी. जोशी, निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी, चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, बेगूं विधायक सुरेश धाकड़, कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर, भाजपा जिलाध्यक्ष रतनलाल गाडरी, पूर्व जिलाध्यक्ष मिट्ठूलाल जाट, जिला प्रमुख गब्बर सिंह और भूपालसागर प्रधान हेमेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं आमजन उपस्थित रहे।
भूपालसागर में महाराणा प्रताप की 15.25 फीट ऊंची, 3 टन वजनी प्रतिमा सहित 5 प्रतिमाओं का अनावरण, जनसहयोग से जुटाए 21 लाख, मुख्यमंत्री ने किया प्रतिमाओं का अनावरण

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