24 न्यूज अपडेट, जोधपुर। सुभाष नगर स्थित बीएसएनएल कार्यालय में मंगलवार दोपहर एक हंसते-खेलते माहौल में उस वक्त मातम छा गया, जब ड्यूटी के दौरान अचानक एसडीई लीलकरण चारण (42) की तबीयत बिगड़ गई और कुछ ही देर में उनकी हृदयगति रुकने से मृत्यु हो गई। साथियों की तत्परता के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका।
घटना दोपहर करीब ढाई बजे की है। रोज़ की तरह अपने काम में व्यस्त चारण ने अचानक पसीना आने और चक्कर महसूस होने की शिकायत की। सहकर्मियों से कहा कि तबीयत ठीक नहीं लग रही है, घर छोड़ दो। साथी उन्हें फ़ौरन पास के अस्पताल ले जाने को निकले। बीएसएनएल कार्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित नियो किड्स हॉस्पिटल के गेट पर पहुंचते ही लीलकरण बेहोश होकर गिर पड़े।
डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार और ब्च्त् दिया, लेकिन स्थिति गंभीर देखते हुए एम्स हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। वहां पहुंचने पर चिकित्सकों ने जांच कर उन्हें मृत घोषित कर दिया। जैसे ही यह खबर ऑफिस पहुंची, पूरा स्टाफ स्तब्ध रह गया।
ख़ास बात यह रही कि लीलकरण चारण न तो किसी बीमारी से ग्रसित थे, न ही उन्हें कोई पूर्व स्वास्थ्य समस्या थी। परिजनों के मुताबिक वे नियमित रूप से जिम जाते थे, फिटनेस के प्रति सजग थे और संतुलित दिनचर्या अपनाते थे। अचानक दिल का दौरा पड़ना परिजनों और सहकर्मियों के लिए अविश्वसनीय झटका बनकर आया।
चारण पिछले दस वर्षों से बीएसएनएल जोधपुर में विभिन्न पदों पर सेवाएं दे रहे थे। अपने मृदुभाषी स्वभाव और सहयोगी व्यक्तित्व के कारण दफ्तर में सभी के प्रिय थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही ऑफिस स्टाफ और रिश्तेदारों का उनके घर पहुंचना शुरू हो गया।
उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव भांडू चारणान, शेरगढ़ में किया गया। पिता महादान चारण, जो डिस्कॉम शेरगढ़ से एईएन पद से सेवानिवृत्त हैं, ने बेटे की अर्थी को मुखाग्नि दी।
बीएसएनएल जोधपुर कार्यालय में शोकसभा आयोजित कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। वरिष्ठ अधिकारियों और सहकर्मियों ने शोक व्यक्त करते हुए परिजनों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया।
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