






24 न्यूज अपडेट उदयपुर। राजस्थान विद्यापीठ के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के बीएड, सीडी बीएड, तथा बीए-बीएड, बीएससी बीएड विभाग के करीब 400 विद्यार्थियों ने दो दिन तक निकटवर्ती नया खेड़ा गांव में समुदाय कार्य किया। समुदाय के प्रति शिक्षकों के दायित्व और भावी शिक्षकों को समुदाय से जोड़ने और उनसे जुड़े कार्यों के प्रशिक्षण के लिए सामुदायिक कार्य करवाए गए जिसमें संस्थान द्वारा गोद लिए गए गांव नया खेड़ा गांव के लोगों को कौशल विकास के साथ-साथ जल संरक्षण एवं मौसमी बीमारियों संबंधी जानकारी एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया।
सामुदायिक कार्य के प्रथम दिन विद्यार्थियों की ओर से जल संरक्षण जागरूकता रैली का आयोजन किया गया तथा नुक्कड़ नाटक द्वारा ग्रामीणों को जल संरक्षण संबंधी जानकारी दी गई। इसके साथ-साथ कौशल विकास के संदर्भ में तथा पर्यावरण चेतन के मध्य नजर ने कपड़े के थैले, कागज के थैले बनाने का भी प्रशिक्षण दिया गया। विद्यार्थियों ने भी प्रशिक्षण के साथ-साथ इनका निर्माण किया। बाद में कागज की थैली और कपड़े की थैलों का वितरण ग्रामीणों को कर दिया गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन मौसमी बीमारियों संबंधी वार्ता का आयोजन करके ग्रामीणों को बरसाती मौसम में विशेष सावधानी रखने एवं बीमारी होने पर उसके कारण एवं निवारण की जानकारी दी गई। इसके साथ ही होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया जिसमें विद्यापीठ के होम्योपैथिक महाविद्यालय के डॉक्टर ने अपनी सेवाएं दीं। ग्रामीणों का निःशुल्क चेकअप एवं दवा वितरण की गई। इस मौके पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन करके मौसमी बीमारियों के प्रति जागरूकता का संदेश भी दिया गया। इसके अतिरिक्त पौधारोपण का कार्य भी किया गया महाविद्यालय की ओर से विद्यालय प्रांगण एवं गांव में चिन्हित स्थान पर सदन वृक्षारोपण किया गया। यह सभी कार्य महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सरोज गर्ग, वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ रचना राठौड., डॉ बलिदान जैन, डॉ अमी राठौड, डॉ सुनीता मुर्डिया, डॉ. अनिता कोठारी, डॉ अमित दवे, डॉ ममता कुमावत डॉ इंदु आचार्य, डॉ लक्ष्मण रेबारी डॉ. शानू शक्तावत, डॉ. नीतू व्यास के निर्देशन में विद्यार्थियों द्वारा करवाया गया। अपने संबोधन में प्रोफेसर सरोज गर्ग ने विद्यार्थियों को समुदाय के प्रति अपने दायित्वों के बारे में जागरुक करते हुए भावी शैक्षिक जीवन में भी समुदाय के प्रति अपनी सहभागिता को बनाए रखने हेतु प्रेरित किया। साथ ही गांव की वर्तमान स्थिति एवं समुदाय कार्यों के पश्चात उसमें होने वाले परिवर्तनों पर भी कार्य करने के निर्देश दिए। सामुदायिक कार्य के पश्चात विद्यार्थियों की ओर से दिए गए सुझावों के आधार पर आगे भी सामुदायिक कार्यों की योजना का निर्माण भी किया गया।
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