24 News Update सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। नगर के आसपुर मार्ग पर लोहारिया तालाब के सामने स्थित कान्हड़दास धाम बड़ा रामद्वारा में ब्रह्मलीन आचार्य श्री रामकिशोर महाराज का 33वां निर्माण दिवस श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया।
संत ने कहा कि सबसे खतरनाक युद्ध धरती पर नहीं, बल्कि मन के भीतर होता है, जहां हमारे विचार, शंकाएं, डर और आस्था आपस में संघर्ष करते हैं। रामायण हमें सिखाती है कि अयोध्या से लंका की यात्रा से अधिक महत्वपूर्ण राम के मन की यात्रा थी।
स्वामी रामकिशोर महाराज ने अपने जीवन का सर्वाधिक चातुर्मास सागवाड़ा में किया तथा अंतिम चातुर्मास भी यहीं रहा। इस अवसर पर समिति अध्यक्ष सुधीर वाडेल, जगदीश गुप्ता, दामोदर दलाल, संजय गुप्ता, मंगलेश गुप्ता, विजयराम भावसार, शिवराम मोची, प्रहलाद भावसार, सुरेन्द्र शर्मा, देवीलाल सोनी, रमेश सोनी, विनोद भट्ट, जिग्नेश भावसार, विजय पंचाल, प्रवक्ता बलदेव सोमपुरा द्वारा छतरी में पादुका पूजन, आरती एवं प्रसाद वितरण किया गया।
आचार्य स्वामी रामकिशोर महाराज का 33वां निर्माण दिवस मनाया सबसे खतरनाक युद्ध मैदान धरती पर नहीं, मन के भीतर होता है – संत

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