24 न्यूज अपडेट जयपुर. 23 जुलाई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में कहा राज्य सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के 300 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में आरपीएससी के माध्यम से 200 पदों के लिए भर्ती अंतिम चरण में है। शेष 100 पदों पर भर्ती का मामला न्यायालय में लंबित है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की नियुक्ति से प्रदेश में मिलावटखोरी पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मिलावटखोरी के खिलाफ 15 फरवरी 2024 से शुद्ध आहार, मिलावट पर वार अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत 6 हजार से अधिक एन्फोर्समेंट सैंपल लिए गए तथा 38 हजार 651 किलो अशुद्ध खाद्य पदार्थों को नष्ट किया गया। उन्होंने बताया राज्य को इस अभियान के तहत एन्फोर्समेन्ट सैंपलिंग लेने में देश में पहला स्थान मिला है।
श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश में मिलावटखोरी के सेंपलों की जांच के लिए 11 जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाए जयपुर, जोधपुर, अजमेर, अलवर, उदयपुर, बांसवाड़ा, कोटा, भरतपुर, बीकानेर, जालौर व चूरू में कार्यरत हैं। शीघ्र ही बारां, बाड़मेर, धौलपुर, भीलवाड़ा, गंगानगर, नागौर तथा सीकर में 7 नई प्रयोगशालाओं को भी प्रारम्भ कर दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में मिलावटखोरी के 1100 मामले न्यायालय में लंबित हैं। दो हजार से अधिक चालान हुए हैं तथा 4 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल किया गया है। उन्होंने बताया कि मिलावटखोरी सिद्ध होने पर एक से 10 लाख रुपये तक के जुर्माने और 6 माह की जेल का प्रावधान है। गंभीर मिलावट पर आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है।
उन्होंने जानकारी दी कि 5 अप्रैल 2022 को सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा निदेशालय और औषधि नियंत्रण संगठन को मर्ज कर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्तालय स्थापित किया गया है। मर्जर के बाद 300 नए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के पद सृजित किये गए, जिनकी भर्ती प्रक्रियाधीन है।
इससे पहले विधायक श्री गोपाल शर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में फूड सेफ्टी ऑफिसर के कुल 398 पद स्वीकृत है। उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियन्त्रण आयुक्तालय के एकीकरण के पश्चात स्थापित 25 मोबाइल टेस्टिंग लैब सहित, राज्य में कुल 34 मोबाइल टेस्टिंग लैब स्थापित हैं, जिनका संचालन अभिहित अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा किया जा रहा है। श्री सिंह ने बताया कि खाद्य मोबार्इल टेस्टिंग लैब के माध्यम से कुल 70 हजार 550 जांचें की गई। उन्होंने यह सूची सदन के पटल पर रखी।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि आमजन एवं खाद्य व्यापारियों को मिलावट के प्रति जागरूक करने के लिए मोबाइल टेस्टिंग लेब संचालित की जा रही है। जिसके द्वारा मौके पर नमूनों की जांच कर मिलावट के संबंध में अवगत कराया जाता है।
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