Site icon 24 News Update

सिलाई एवं कौशल विकास पर आधारित 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ, 30 अनुसूचित जाति महिलाओं को मिलेगा आत्मनिर्भर बनने का मार्ग

Advertisements

24 News Update उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय और भा.कृ.अनु.प.–राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, क्षेत्रीय केन्द्र उदयपुर द्वारा संयुक्त रूप से अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत 15 दिवसीय सिलाई एवं कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस प्रशिक्षण में अनुसूचित जाति की 30 महिलाओं को चयनित किया गया है, जिन्हें आत्मनिर्भरता और उद्यमिता की दिशा में प्रशिक्षित किया जाएगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ. अरविन्द वर्मा थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह प्रशिक्षण केवल एक तकनीकी कौशल नहीं, बल्कि महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक आत्मनिर्भरता का अवसर है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से महिलाएं न केवल अपने परिवार की आय को लगभग डेढ़ गुना तक बढ़ा सकती हैं, बल्कि समाज में आत्मगौरव से खड़ी हो सकती हैं। अध्यक्षता क्षेत्रीय केन्द्र प्रमुख डॉ. बी. एल. मीना ने की। उन्होंने कहा कि उनके केन्द्र द्वारा पूर्व में आयोजित प्रशिक्षणों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, जहां कई महिलाओं ने घरेलू सीमाओं से बाहर निकलकर आत्मनिर्भर जीवन की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागी महिलाओं से आग्रह किया कि वे इस अवसर का अधिकतम लाभ लें और भविष्य में एक सफल उद्यमी के रूप में समाज में नई पहचान बनाएं।
प्रारंभ में कार्यक्रम की रूपरेखा अनुसूचित जाति उपयोजना के नोडल अधिकारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर. एस. मीणा ने प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण पूरी तरह से व्यावहारिक और परिणामोन्मुखी होगा, जिसमें महिलाओं को सिलाई के साथ-साथ उद्यमिता और व्यवसाय संचालन के मूल तत्व भी सिखाए जाएंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन डॉ. लतिका व्यास, प्रोफेसर, गृह विज्ञान, प्रसार शिक्षा निदेशालय की देखरेख में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को वस्त्र निर्माण, डिज़ाइनिंग और बाजार में उत्पाद की बिक्री से संबंधित पहलुओं की जानकारी भी दी जाएगी।
कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रोशन लाल मीणा ने सभी अतिथियों, प्रशिक्षकों और प्रतिभागी महिलाओं का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर केन्द्र के सभी वैज्ञानिक, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री उन्नीकृष्णन नायर और तकनीकी अधिकारी भी उपस्थित थे।

Exit mobile version