24 न्यूज अपडेट, जयपुर। रक्षाबंधन के पावन पर्व को महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सम्मान के रूप में मनाते हुए मंगलवार को बिड़ला ऑडिटोरियम, जयपुर में ‘मुख्यमंत्री संग रक्षाबंधन दृ आंगनबाड़ी बहनों का सम्मान’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में प्रदेशभर से 1.21 लाख आंगनबाड़ी बहनें वर्चुअल रूप से जुड़ीं, जबकि ऑडिटोरियम में 1200 बहनों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को राखी बांधकर भाई-बहन के इस पर्व को जीवंत किया।
मुख्यमंत्री को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मंजू बाघमार ने राखी बाँधी और श्रीफल भेंट किया। मंच पर मुख्यमंत्री ने भावुक होकर कहा, “यह केवल रक्षाबंधन नहीं, बहनों के आत्मसम्मान का पर्व है। आज मुझे डेढ़ लाख बहनों का आशीर्वाद मिला है। मैं स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूँ।”
फ्री यात्रा की सौगात, ‘पोषण शपथ’ और 2000 मॉडल केंद्रों की घोषणा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रक्षाबंधन के अवसर पर दो दिन रोडवेज बसों में महिलाओं के लिए निःशुल्क यात्रा की घोषणा की। इसके साथ ही आंगनबाड़ी बहनों के कार्य की सराहना करते हुए उन्हें ‘पोषण शपथ’ भी दिलाई।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1000 नए आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं और 2000 मॉडल केंद्र विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें बिजली, पानी, शौचालय, बैठने और खेल-कूद की सुविधाएं होंगी। पुराने भवनों की मरम्मत के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
दीया कुमारी बोलीं कि “ऐसा आत्मीय कार्यक्रम पहली बार देखा“
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा, “यह पहली बार है जब किसी मुख्यमंत्री ने रक्षाबंधन पर आंगनबाड़ी बहनों के साथ इतना आत्मीय कार्यक्रम किया है। मैं भजनलाल जी को अपना बड़ा भाई मानती हूँ और उनका आभार प्रकट करती हूँ।” उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में दो वर्षों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जिससे 1.35 लाख कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को सीधा लाभ मिलेगा।
‘लाड़ो प्रोत्साहन योजना’ का किया शुभारंभ
दीया कुमारी ने घोषणा की कि राज्य में बेटियों के जन्म पर ₹1.5 लाख की सेविंग योजना ‘लाड़ो प्रोत्साहन योजना’ शुरू की गई है, जिससे बालिकाओं के भविष्य को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा, “हर बच्ची तक योजना पहुंचाना हम सबकी जिम्मेदारी है और इसमें आंगनबाड़ी बहनों की भूमिका सबसे अहम है।”
महिला सम्मान की संस्कृति को बताया राजस्थान की पहचान
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में राजस्थान की संस्कृति को नारी सम्मान की परंपरा वाला बताया। उन्होंने कहा, “यहां देवी का नाम पहले आता है, फिर देवता का। यह हमारी परंपरा और सोच है। सरकार का हर निर्णय महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सुविधा को प्राथमिकता देता है।”
उन्होंने आंगनबाड़ी बहनों की मेहनत को नमन करते हुए कहा कि “गांवों में महिलाएं मां की तरह समाज की सेवा कर रही हैं। खेतों में काम करने के बाद वे बच्चों के पोषण और शिक्षा में भी अहम भूमिका निभाती हैं। मैं उनके इस समर्पण को प्रणाम करता हूं।”
दीया कुमारी सहित 1200 बहनों ने बांधी सीएम भजनलाल को राखी, सीएम ने दी बहनों को फ्री यात्रा व ‘लाड़ो योजना’ की सौगात

Advertisements
