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12 प्रोफेसर, 3 एसोसिएट प्रोफेसर और 12 असिस्टेंट प्रोफेसर के खातों में एक साथ दो महीने की सैलरी ट्रांसफर

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24 news update. बांसवाड़ा जिले के श्रीगोविंद गुरु राजकीय महाविद्यालय में एक बड़ी वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है। 5 फरवरी को महाविद्यालय के 12 प्रोफेसर, 3 एसोसिएट प्रोफेसर और 12 असिस्टेंट प्रोफेसर के खातों में एक साथ दो महीने की सैलरी ट्रांसफर हो गई। यह मामला तब सामने आया जब प्रोफेसरों के फोन पर डबल सैलरी का मैसेज आया, जिससे उनके बीच चर्चा शुरू हो गई। इस दौरान कॉलेज प्रिंसिपल कल्याण मल सिंघाड़ा ने तत्काल एक संदेश भेजकर अतिरिक्त वेतन का उपयोग न करने की सलाह दी।

ट्रेजरी ऑफिस की गलती से गड़बड़ी

प्रिंसिपल ने इस मामले की सूचना कॉलेज के अकाउंट सेक्शन को दी। अगले दिन, 6 फरवरी को कॉलेज अकाउंटेंट ने जांच की तो पाया कि वेतन बनाने की प्रक्रिया में कॉलेज से कोई गलती नहीं हुई। इसके बाद जिला कोषागार (ट्रेजरी ऑफिस) को सूचित किया गया। प्रारंभिक जानकारी में यह स्पष्ट हुआ कि गड़बड़ी ट्रेजरी ऑफिस के स्तर पर हुई है।

ट्रेजरी ऑफिसर हितेष गौड़ ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है और विभागीय जांच चल रही है। हालांकि, उन्होंने अधिक जानकारी देने से इनकार किया। लगभग 50 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि खातों में ट्रांसफर हुई है, जिसकी वापसी को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।

कॉलेज आयुक्तालय को दी गई सूचना

प्रिंसिपल ने जिला कोषागार के साथ-साथ कॉलेज आयुक्तालय को भी डबल सैलरी आने की सूचना दी। विभाग की ओर से इस मामले की जांच जारी है, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गलती किस स्तर पर हुई है।

स्कूल लेक्चरर्स के खातों में भी डबल सैलरी?

सूत्रों के अनुसार, महाविद्यालय के अलावा स्कूल लेक्चरर्स के खातों में भी डबल सैलरी आने की खबरें हैं। हालांकि, जिला शिक्षा अधिकारी ने ऐसी किसी शिकायत से इनकार किया है। इस संदर्भ में स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं है।

कर्मचारियों की चिंता और भविष्य की कार्रवाई

अकाउंट में अचानक आई इस अतिरिक्त राशि से कर्मचारी असमंजस में हैं। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे इस राशि का उपयोग न करें। इस घटना से ट्रेजरी कार्यालय और महाविद्यालय प्रशासन के बीच समन्वय की कमी उजागर हुई है।

यह मामला सरकारी वित्तीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता की आवश्यकता को रेखांकित करता है। अब विभागीय जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि गलती कहां हुई और इस रकम की वापसी किस प्रकार सुनिश्चित की जाएगी।

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