24 News Update उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति सचिवालय सभागार में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” थीम के अंतर्गत योग प्रोटोकॉल के अनुसार पूर्वाभ्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने योग के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे जनसामान्य की दिनचर्या में शामिल करने का आह्वान किया। मुख्य वक्ता आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक डॉ. राजीव भटट् ने कहा कि आधुनिक जीवनशैली और अनियमित खानपान के चलते मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट आई है, जिसका असर हम कोरोना महामारी के दौरान देख चुके हैं। उन्होंने कहा कि योग को केवल एक दिन का क्रियाकलाप नहीं मानना चाहिए, बल्कि इसे नियमित अभ्यास के रूप में अपनाना चाहिए। उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम की भावना को साकार करते हुए इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” की सार्थकता पर प्रकाश डाला।
“योग केवल व्यायाम नहीं, जीवन जीने की कला है”
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि योग जीवन जीने की कला है, जिससे व्यक्ति दीर्घायु और स्वस्थ जीवन प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि योग भारत की प्राचीन देन है, जिसे विश्व ने अपनाया है। भगवान शिव को आदि योगी माना गया है। उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्य देशों ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी। यह दिन उत्तरी गोलार्द्ध में वर्ष का सबसे बड़ा दिन होता है, जो योग की दीर्घायु जीवन भावना के अनुरूप है।
योग को गांव-गांव तक पहुंचाने की जरूरत
कुलाधिपति भंवरलाल गुर्जर ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि योग के प्रचार-प्रसार को व्यापक बनाते हुए इसे वंचित और ग्रामीण वर्ग तक पहुंचाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत की 70 प्रतिशत आबादी आज भी गांवों में निवास करती है और शहरी सुविधाओं से वंचित है। योग उनके लिए जीवनशैली सुधार का सशक्त माध्यम बन सकता है।
विद्यार्थियों को वितरित किए गए ट्रैक सूट
समारोह के प्रारंभ में प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग ने अतिथियों का स्वागत करते हुए जानकारी दी कि पीजी डिप्लोमा इन योग के विद्यार्थियों को इस अवसर पर ट्रैक सूट वितरित किए गए। कार्यक्रम में रजिस्ट्रार डॉ. तरुण श्रीमाली, पीठ स्थविर डॉ. कौशल नागदा, प्रो. जी.एम. मेहता, डॉ. रचना राठौड़, डॉ. अमी राठौड़, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. ममता कुमावत, डॉ. मनीष पालीवाल, अनिता राजपूत, डॉ. शुभा सुराणा सहित अनेक अधिकारी, कार्यकर्ता एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
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