24 News update National desk. सैलरी में दोगुनी बढ़ोतरी, 6 महीने के लिए 18 विधायक निलंबित
कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान सैलरी वृद्धि से जुड़ा महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की सैलरी को 100% बढ़ाने का विधेयक पारित कर दिया गया। इस दौरान भाजपा विधायकों ने सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को 4% आरक्षण देने के मुद्दे पर जोरदार विरोध किया, जिसके चलते 18 भाजपा विधायकों को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया।
वेतन में कितनी बढ़ोतरी?
| विवरण | अभी (₹) | बढ़ोतरी के बाद (₹) |
|---|---|---|
| मुख्यमंत्री का वेतन | 75,000 | 1.5 लाख |
| विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति का वेतन | 75,000 | 1.25 लाख |
| मंत्रियों का वेतन | 60,000 | 1.25 लाख |
| विधायकों की सैलरी | 40,000 | 80,000 |
| HRA (गृहनिवास भत्ता) | 1.2 लाख | 2 लाख |
| सप्लीमेंट्री अलाउंस | 4.5 लाख | 5 लाख |
| एडिशनल ट्रैवल अलाउंस (कंपेनियन समेत) | 1 लाख | 2 लाख |
| फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस | 2.5 हजार | 10 हजार |
| कॉन्सिटेंसी ट्रैवल अलाउंस | 60 हजार | 80 हजार |
| रेलवे/हवाई किराया (सालाना) | 2.5 लाख | 3.5 लाख |
| टेलीफोन चार्ज | 20 हजार | 35 हजार |
| कॉन्सिटेंसी अलाउंस | 60 हजार | 1.10 लाख |
| डाक शुल्क | 5 हजार | – |
| पर्सनल असिस्टेंट की सैलरी | 20 हजार | 25 हजार |
सैलरी बढ़ोतरी का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
- 2018: विधायकों का वेतन ₹25,000 से बढ़ाकर ₹40,000 प्रति माह किया गया था, जबकि मुख्यमंत्री का वेतन ₹50,000 से ₹75,000 और मंत्रियों का वेतन ₹40,000 से ₹60,000 तक बढ़ाया गया था। यह बढ़ोतरी भत्तों के साथ कुल मिलाकर लगभग 60-70% की थी।
- 2011-2012: विधायकों का मूल वेतन ₹20,000 से बढ़ाकर ₹25,000 किया गया था, और अन्य भत्तों में भी मामूली वृद्धि हुई थी। यह बदलाव पिछली समीक्षा के लगभग पांच साल बाद हुआ था।
- 2006: विधायकों का वेतन ₹10,000 से बढ़ाकर ₹20,000 प्रति माह किया गया था। यह उस समय के हिसाब से दोगुनी बढ़ोतरी थी और इसे विधायकों के बढ़ते खर्चों के आधार पर जायज ठहराया गया था।
राज्य के खजाने पर असर
इस बढ़ोतरी से राज्य के खजाने पर सालाना लगभग ₹10 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सरकार का कहना है कि यह संशोधन 2022 में तय हर पांच साल में वेतन संशोधन की नीति के तहत किया गया है।
अमीर विधायकों की सूची में कर्नाटक सबसे आगे
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक में 31 विधायकों के पास 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ₹1,413 करोड़ से अधिक की संपत्ति के साथ राज्य के सबसे अमीर विधायक हैं।
वेतन वृद्धि के इस फैसले पर विपक्ष और जनता के बीच मिली-जुली प्रतिक्रिया रही। कई लोगों ने इसे अनुचित लाभ बताया, खासकर तब जब राज्य में आर्थिक चुनौतियां बनी हुई हैं।

