24 न्यूज अपडेट उदयपुर। आज उदयपुर में बड़ा राजनीतिक व प्रशासनिक अमला जुटा जिसमें सड़कों पर हादसों पर चिंता जताई और ब्लैक स्पॉट पर 100 करोड़ खर्च कर सड़क सुधारने की बात कही। बड़ा सवाल यह उठा कि सड़कें तो वहीं की वहीं है। उनमें मैन्युफेक्चरिंग डिफेक्ट, घटिया सामग्री या घटिया इंजीनियरिंग की वजह से ही ब्लैक स्पॉट बन गए हैं। जब भी सड़क बनती है तो उसके सभी मानक फुलप्रूफ परखने के बाद ही उसे चालू किया जाता है। यही नहीं कई बरसों तक देखरेख का जिम्मा संबंधित एजेंसी के पास ही होता है। टोल वसूली भी जमकर होती है। उसके बाद भी अगर ब्लैकस्पॉट बनते हैं तो इसके लिए जिम्मेदारी अफसरों, नेताओं व संबंधित रोड बनाने वाली एजेंसी पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। आश्चर्य की बात है कि ऐसी बैठकों में कार्रवाई की तो कोई बात ही नहीं होती है। केवल सुधार ही करते रहेंगे व जनता का पैसा ही बहाते रहेंगे तो फिर जिम्मेदारों पर कार्रवाई कब होगी????
उदयपुर सांसद डॉ मन्नालाल रावत, चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी, राज्यसभा सदस्य चुन्नीलाल गरासिया की अध्यक्षता में सोमवार को संसद सदस्य सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई। जिला परिषद सभागार में आयोजित बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों की निगरानी, ब्लैक स्पॉट्स की पहचान, सड़क सुरक्षा मानकों का पालन, सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जागरुकता अभियान, यातायात को सुचारू बनाने के उपाय, गुड सेमेरिटियन को बढ़ावा देने जैसे बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
पांच ब्लैक स्पॉट्स की पहचान, जल्द होगा सुधार
उदयपुर सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ती जनहानि पर चिंता जताते हुए कहा कि उदयपुर जिले में एक वर्ष में दो हजार से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में 541 की मृत्यु हुई। हम सबकी यह कोशिश है कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी हो और कम से कम जनहानि हो। सांसद रावत ने कहा कि उदयपुर -सिरोही हाईवे पर 6 ब्लैक स्पॉट्स के बारे में उन्होंने केंद्रीय सड़क सुरक्षा एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी से चर्चा की। इस पर ब्लैक स्पॉट्स करेक्शन के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है। वहीं, उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर पांच ब्लैक स्पॉट्स के सुधार लिए भी जल्द राशि स्वीकृत करवाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को लेकर समन्वित कार्य योजना बनाकर गोल्डन ऑवर्स में घायलों को अस्पताल पहुंचाना जरूरी है। उन्होंने सड़क किनारे विलायती बबूल के पेड़ों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं, आई रेड सॉफ्टवेयर पर सड़क दुर्घटनाओं के डाटा 48 घंटे में अपडेट करने, ब्लैक स्पॉट्स चिह्नित कर सुधार करने सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। इस पर जिला कलक्टर नमित मेहता ने विलायती बबूल हटाने के लिए अभियान चलाने, सभी राजकीय व निजी सभी एम्बुलेंस की आई रेड सॉफ्टवेयर पर मैपिंग करवाने, आई रैड डाटा गैप को एक सप्ताह में अपडेट करने और सड़क सुरक्षा जागरुकता लाने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए।
2030 तक दुर्घटनाओं में 50 फीसदी में कमी लाना लक्ष्य- सांसद जोशी
चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 50 फीसदी की कमी हो। सड़क दुर्घटनाओं में 18-45 वर्ष की आयु के युवा सबसे ज्यादा घायल होते हैं और मृतकों में भी इसी आयु वर्ग की संख्या सबसे ज्यादा है। भारत सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए कई प्रयास किए हैं। मृत्यु होने पर 1.50 लाख रूपये की सहायता राशि की घोषणा भी की है।
हाईवे किनारे अतिक्रमण दुर्घटनाओं का कारण- राज्यसभा सदस्य चुन्नीलाल गरासिया
राज्यसभा सदस्य चुन्नीलाल गरासिया ने हाईवे पर ओवरलोडिंग, अतिक्रमण, सड़क दुर्घटनाओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि चालान बनाने के साथ ही नियमित मॉनीटरिंग भी जरूरी है। हाईवे किनारे अतिक्रमण हटाएं और हाईवे पर स्पीड ब्रेकर बनाने में निर्धारित मानकों का पालन करें। उन्होंने रेलवे लाइन के किनारे अतिक्रमण और असामाजिक गतिविधियों का मुद्दा भी उठाया। एडिशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ ने बताया कि सीट बेल्ट, ओवर स्पीडिंग, ओवरलोडिंग के मामलों में एमवी एक्ट के तहत 33 हजार 423 चालान बनाए गए हैं। जिला कलक्टर ने समझाइश और सख्ती के साथ यातायात नियमों का पालन करवाने के निर्देश दिए।
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाएं रोडवेज बसों की संख्या- उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा
उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने उदयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में ओवरलोडिंग, क्षमता से ज्यादा सवारियां बैठाने, बारिश के दिनों में हाईवे पर पानी भरने से होने वाली दुर्घटनाओं, पुलिस चौकी खोलने सहित अन्य मुद्दे रखे। उन्होंने टीडी पुलिस थाने के आगे, बारापाल, उमरड़ा, सज्जनगढ़ रोड, गोवर्धन सागर के सामने, प्रताप नगर से पुराना आरटीओ, गोवर्धन विलास में मिराज मॉर्निंग के पास, ढीकली रोड सहित अन्य क्षेत्रों में सड़क मार्ग में खामियों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि गांवों से रोज हजारों लोग मजदूरी के लिए उदयपुर आते हैं। ग्रामीण मार्गों पर रियायती किराये पर रोडवेज बसें चलाने और बसों की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया।
समिति सदस्यों ने दिए सुझाव-
संसद सदस्य सड़क सुरक्षा समिति के मनोनीत सदस्य नारायण लाल चौधरी और प्रभुलाल डिण्डोर ने वीडियो प्रजेंटेशन के माध्यम से शहर में यातायात प्रबंधन और सड़क सुरक्षा से जुडे़ महत्पवूर्ण मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया और महत्पवूर्ण सुझाव दिए।
ये रहे उपस्थित-
बैठक में एडीएम सिटी वारसिंह, जिला परिषद सीईओ रिया डाबी, नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, यूडीए सचिव हेमेंद्र नागर, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, चिकित्सा, परिवहन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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