उदयपुर। शहर की बहुप्रतिक्षित एलिवेटेड रोड़ के निर्माण के लिए राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वीकृति दे दी है। हाईकोर्ट ने व्यापारियों की ओर से लगाई गई कैविएट को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट की ओर से स्वीकृति देने के बाद अब नगर निगम एलिवेटड रोड के लिए टेण्डर प्रक्रिया करेगा और एलिवेटेड रोड का निर्माण शुरू हो जाएगा। उदयपुर शहर में 12 मीटर चौड़ी, टू लेन की एलिवेटेड बनेगी। सिटी स्टेशन से कलेक्टर आवास तक बनने वाली इस एलिवेटेड़ रोड़ के निर्माण में 208 करोड़ रूपए का खर्चा आएगा। इसमें 75 करोड़ नगर निगम, 75 करोड यूडीए और 58 करोड़ रूपए राज्य सरकार से मिलेंगे। आपको बतादें कि अप्रैल 2014 में फोरलेन एलिवेटेड रोड प्रस्तावित कर यूआईटी ने पीपीआर बनवाई थी। एलिवेटेड रोड की लंबाई 1.6 किमी प्रस्तावित थी। करीब 10 साल से एलिवेटेड रोड को 12 मीटर करने की बात चल रही थी। उसके बाद सरकारें बदलती रही व विचार बदलते रहे मगर राजनीतिक घालमेल व खुद भाजपा के नेताओं में आंतरिक राजनीति के चलते एलिवेटेड रोड की फाइल एक भी सीढ़ी नहीं चढ़ पार्ई। शहर में लम्बे समय से बढ़ते यातायात की समस्या को देखते हुए एलिवेटेड रोड़ की मांग की जा रही थी, जिस पर एलिवेटड रोड की डीपीआर बनाई थी। पहले डीपीआर उदियापोल से कोर्ट चौराहे तक बनी थी पर स्थानीय व्यापारियों ने हाईकोर्ट की शरण में जाकर स्टे ले लिया। इसके बाद से ही मामला लम्बित चल रहा था। शहर विधायक ताराचंद जैन ने एलिवेटेड रोड के मुद्दे को फिर अपने हाथों में लिया और महापौर जीएस टांक के माध्यम से एलिवेटेड रोड़ में तकनीकी बदलाव किए। महापौर टांक ने हाईकोर्ट ने जिन तकनीकी खामियों के चलते एलिवेटेड रोड पर स्टे दिया था उन खामियों को दूर किया और इस रोड की लम्बाई भी बढ़ा दी। अब एलिवेटेड़ रोड 12 मीटर चौड़ाई की कर दी दी और टू लेन कर दी। साथ ही इस रोड को सिटी स्टेशन से कलेक्टर निवास तक लम्बी कर दी। इस तरह से यह एलिवेटेड रोड कुल 2.65 किलोमीटर लम्बी है। इसके बाद केन्द्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों से चर्चा कर इस सडक़ की डीपीआर को उच्च न्यायालय में पेश किया। इधर इस रोड के विरोध में चल रहे व्यापारियों ने उच्च न्यायालय में कैविएट लगाई और तकनीकी खामियों को बताया। सोमवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान निगम के अधिवक्ता दिलीप कावडिय़ा ने एलिवेटेड रोड में किए बदलाव और तकनीकी खामियों को दूर करना बताया। उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद व्यापारियों द्वारा लगाई गई कैविएट को खारिज कर दिया। इसके बाद से ही एलिवेटेड रोड बनाने का रास्ता साफ हो गया है। उच्च न्यायालय से स्वीकृति मिलने के बाद नगर निगम महापौर जीएस टांक का कहना है कि शीघ्र ही अधिकारियों से चर्चा कर टेण्डर प्रक्रिया शुरू की जाएगी और एलिवेटेड़ रोड़ का निर्माण करवाया जाएगा। सुनवाई के दौरान जोधपुर में शहर विधायक ताराचंद जैन, महापौर जीएस टांक, पार्षद छोगालाल भोई, निगम के अतिरिक्त मुख्य अभियंता मुकेश पुजारी मौजूद थे।
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