Site icon 24 News Update

होली पर पक्के रंगों से बचें, त्वचा को हो सकता है नुकसान

Advertisements

24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। होली पर जितना संभव हो पक्केरंगों से बचें क्योंकि इससे बदलते मौसम में कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं। श्वास संबंधी रोग भी हो सकते हैं। इन दिनों हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा मरीज सांस और त्वचार संबंधी रोगों के ही आ रहे हैं। कई लोगों को खांसी की लंबी परेशानी हो रही है जो ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही है। अस्थमा के रोगी ज्यादा परेशान हो रहे है। इस मौसम में प्राकृतिक रूप से भी हवा में पराग कण मौजूद हैं जिनके सांस के साथ आनें से शरीर में अस्थमा व एलर्जी बढ़ जाती है। उस पर पक्के रंग या फिर बहुत ज्यादा घनी गुलाल भी परेशान कर सकती है। ये सब एलर्जी और अस्थमा का बढ़ावा देते हैं। जिनको परेशानी है वे मास्क लगा कर ही निकलें ताकि परेशानी और अधिक नहीं बढे। इसी प्रकार पक्के व सुर्ख केमिकल युक्त रंग के कारण आंख और नाक की श्लेष्मा झिल्ली पर बहुत बुरा असर हो सकता है। खराब रंग से त्वचा में जलन हो सकती है या फट सकती है। खुजली महसूस हो सकती हैं, ऐसे में ठीक यही रहेगा कि जमकर होली खेलें मगर ज्यादा से ज्यादा हर्बल रंगों का इस्तेमाल करें। क्योंकि प्राकृतिक भी यही चाहती है कि हम उसी के रंगों का प्रयोग कर खुशियों से सराबोर हो जाएं। इसके साथ ही होली के रंगों से आंखों को सुरक्षित रखने के लिए चश्मा जरूर पहनें ताकि हुल्लड के दौरान भी कोई परेशानी नहीं हो। होली पर केमिकल वाले रंगों से चेहरे और स्किन को सुरक्षित रखना जरूरी हैं। इसके लिए कई लोग होली खेलने से पहले शरीर पर खोपरे या सरसों का तेल लगा लेते हैं। इससे भी कुछ हद तक बचाव हो जाता हैं। वैसे कोशिश करें कि होली खेलते समय पूरी बांह वाली पोशाक ही पहनें। सिर को भी ढंक कर रख सकते हैं। आंख या मुंह में गलती से रंग चला जाए, तो पानी से धो लें या तुरंत कुल्ला कर लें।

Exit mobile version