24 न्यूज़ अपडेट उदयपुर. होटल एसोसिएशन उदयपुर के सदस्य, पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों के लिए अपनी हार्दिक प्रशंसा व्यक्त करते हैं। यह क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। होटल एसोसिएशन वरिष्ठ उपाध्याय राजेश अग्रवाल एवं उपाध्यक्ष यशवर्धन सिंह राणावत ने बताया आज देश की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन जी को जीएसटी संबंधी विभिन्न सुझावों का पत्र दिया गया। जिसमें निम्नांकित सुझाव है।
- जीएसटी दरों में कमी: हम होटलों, विशेषकर मध्यम और बजट श्रेणी के होटलों पर लागू जीएसटी दरों में संशोधन का अनुरोध करते हैं। दरों में कमी से यात्रा सस्ती होगी और घरेलू पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे पर्यटक लंबे समय तक ठहराव करेंगे और अधिक खर्च करेंगे।
- सस्ती वित्तीय सहायता का प्रावधान : छोटे और मध्यम आकार के होटलों के लिए ऋण और वित्तीय सहायता तक आसान पहुंच की मांग करते हैं। संपार्श्विक आवश्यकताओं में छूट और ब्याज दरों में कमी से होटल मालिकों को बुनियादी ढांचे के उन्नयन और सेवा सुधार में निवेश करने की शक्ति मिलेगी।
- सतत प्रथाओं के लिए प्रोत्साहन: वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाने के लिए, हम पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं जैसे सौर ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली और जल संरक्षण उपायों को अपनाने वाले होटलों के लिए कर प्रोत्साहन की मांग करते हैं।
- कर्मचारियों के कौशल विकास के लिए समर्थन: हम होटल कर्मचारियों के कौशल विकास के लिए समर्पित योजनाओं या अनुदानों की शुरुआत का अनुरोध करते हैं। निरंतर प्रशिक्षण के माध्यम से सेवा की गुणवत्ता में सुधार, हमें वैश्विक मंच पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा।
- ₹1000 से कम कमरे की दरों पर जीएसटी: पहले ₹1000 से कम कीमत वाले कमरों पर जीएसटी से छूट दी गई थी, लेकिन वर्तमान में इन कमरों पर 12% जीएसटी लगाया गया है, जिससे बजट यात्रियों के लिए इसे वहन करना मुश्किल हो गया है। हम विनम्रतापूर्वक इस दर को 5% तक कम करने पर आपके विचार का अनुरोध करते हैं, जिससे हम अपने ग्राहकों की बेहतर सेवा कर सकें और अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर सकें।
- नए होटल निर्माण पर कंस्ट्रक्शन पर जीएसटी छूट: आतिथ्य क्षेत्र के विस्तार को प्रोत्साहित करने के लिए, हम नए होटल निर्माण के कंस्ट्रक्शन के लिए जीएसटी छूट प्रदान करने का प्रस्ताव रखते हैं। इससे क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पर्यटन बुनियादी ढांचे का विकास होगा।
हम आगे आपका ध्यान निम्नलिखित बिंदुओं की ओर आकर्षित करना चाहते हैं, जिन्हें जीएसटी दर तय करते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए:
- वर्तमान में कमरों पर 12% और 18% जीएसटी दरें लागू हैं। इन दरों को कम किया जाना चाहिए और बजट श्रेणी के लिए छूट दी जानी चाहिए।
- रेस्टोरेंट 5% और 18% जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं। 5% जीएसटी का भुगतान करने वाले रेस्टोरेंट को भी खर्चों पर इनपुट क्रेडिट की अनुमति दी जानी चाहिए।
- वर्ष के लिए कर स्लैब तय करते समय उच्च और निम्न सीजन को ध्यान में रखा जाना चाहिए। पहले के समय में, जब लक्जरी कर लागू था, तो ऑफ सीजन में यह 50% कम था।
हमें विश्वास है कि इन सुधारों से न केवल उद्योग को बल मिलेगा, बल्कि यह पूरे देश की आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल उपाध्यक्ष यशवर्धन राणावत कार्यकारिणी सदस्य डॉ पृथ्वीराज चौहान मुकेश माधवानी महावीर चपलोत उपस्थित थे।

