Site icon 24 News Update

हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख बदली, अब 1 की बजाय 5 अक्टूबर को, जम्मू-कश्मीर-हरियाणा के नतीजे आगे खिसकाए, अब 8 अक्टूबर को आएंगे

Advertisements


24 न्यूज अपडेट. नई दिल्ली। चुनाव आयोग की पोल एक बार फिर से खुलकर सामने आ गई है। तारीखें तय करने से पहले सभी संबंधित पक्षों, समाजों, विशेषज्ञों आदि से सलाह मशवरा नहीं किया जाता है व बंद वातानुकूलित कमरे में बैठ कर अफसर मनचाहे फीडबेक के आधार पर तारीखें तय कर लेते हैं। अबकी बार हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखें बदलनी पड़ी हैं। चुनाव आयोग ने बताया है कि 90 सीटों पर चुनाव 1 अक्टूबर की जगह अब 5 अक्टूबर को होने जा रहे हैं। रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा। आयोग ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के भी नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित करने का ऐलान कर दिया है। पहले दोनों राज्यों के नतीजे 4 अक्टूबर को आने वाले थे। चुनाव आयोग ने कहा कि राजस्थान की ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तारीख बदलने की मांग की थी। उनका कहना था कि कई पीढिय़ों से पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के कई परिवार गुरु जम्भेश्वर की याद में बीकानेर जिले में ‘असोज’ महीने की अमावस्या के दौरान पैतृक गांव मुकाम में सालाना उत्सव में भाग लेते हैं।
इस साल यह उत्सव 2 अक्टूबर को पड़ रहा है। इसके चलते सिरसा, फतेहाबाद और हिसार के हजारों बिश्नोई परिवार मतदान के दिन राजस्थान की यात्रा करेंगे, जिससे वे 1 अक्टूबर को वोट नहीं डाल पाएंगे।  बताया जा रहा है कि बिश्नोई समाज का करीब 11 विधानसभा सीटों पर असर है। करीब डेढ़ लाख वोटर प्रभावित होते हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा था कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार-रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी। जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है। इस तर्क पर हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा कि भाजपा छुट्टियों का बहाना बनाकर चुनाव टालना चाहती है। जनता ने भाजपा की छुट्टी करने का फैसला कर लिया है। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश में समय से पहले मतदान की घोषणा होने से भाजपा बुरी तरह से घबरा गई है और इसी के चलते बीजेपी मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग के दरबार में पहुंच गई है।
आपको बता दें कि पिछले साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुए थे। 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने 23 नवंबर को एक चरण में चुनाव की घोषणा की थी, लेकिन इसी दिन बहुत ज्यादा विवाह समारोह होने से 25 नवंबर कर दिया था। मिजोरम में इसाइयों का पवित्र दिन होने से चुनाव मतगणना की तारीख बदली गई। ऐसे में सवाल उठता है कि चुनाव आयोग आखिर तारीखें तय करने से पहले उन तारीखों की पब्लिक डोमेन में चर्चा क्यों नहीं की जाती। चुनाव आयोग प्रस्तावित तारीखें बता देता व उस पर लोगों की राय लेता तो सारे तथ्य पहले ही सामने आ जाते लेकिन पिछले सबक से भी सीख नहीं ली गई।

Exit mobile version