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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का निधन

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24 न्यूज अपडेट. नेशनल डेस्क। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला का 89 साल की उम्र में शुक्रवार को गुरुग्राम में अपने घर दिल का दौरा पड़ा। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में लाया गया जहां पर करीब आधे घंटे बाद दोपहर 12 बजे निधन हो गया है। हार्ट और डायबिटीज समेत कई बीमारियों से ग्रस्त थे। पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सीएम नायब सैनी समेत बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। पीएम मोदी ने ओपी चौटाला के साथ अपनी पुरानी फोटो शेयर करते हुए कहा कि प्रदेश की राजनीति में वे वर्षों तक सक्रिय रहे और चौधरी देवीलाल के कार्यों को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया। 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की 5 संतानों में सबसे बड़े थे। उनका जन्म 1 जनवरी, 1935 को हुआ। 2013 में शिक्षक भर्ती घोटाले के दौरान जब चौटाला तिहाड़ जेल में बंद थे, तब उन्होंने 82 साल की उम्र में 10वीं-12वीं की परीक्षा पास की। पार्थिव शरीर सिरसा पैतृक गांव चौटाला लाया जाएगा। कल सुबह 8 से 2 बजे तक पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए रखी जाएगी। दोपहर 3 बजे तेजा खेड़ा फार्म सिरसा के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके पोते पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और परिवार के करीबी गुरुग्राम में मेदांता अस्पताल पहुंच गए हैं। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शोक जताते हुए कहा कि उन्होंने हरियाणा और देश की सेवा में उचित योगदान दिया। हरियाणा के ब्ड नायब सैनी ने कहा कि उन्होंने प्रदेश और समाज की जीवनपर्यंत सेवा की। देश व हरियाणा प्रदेश की राजनीति के लिए यह अपूरणीय क्षति है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश के विकास में उनके अहम योगदान को सदैव याद किया जाएगा। पूर्व ब्ड भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल में उन्होंने प्रदेश के विकास में काफी योगदान दिया। कांग्रेस विधायक रेसलर विनेश फोगाट ने कहा कि ओपी चौटाला ने अपने जीवन को जनता की सेवा और हरियाणा के विकास के लिए समर्पित किया। ओमप्रकाश चौटाला ने 1968 में पहला चुनाव देवीलाल की परंपरागत सीट ऐलनाबाद से लड़ा। इसमें वे राव बीरेंद्र सिंह की विशाल हरियाणा पार्टी के लालचंद खोड़ से हार गए। उन्होंने चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया और हाईकोर्ट गए।एक साल चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने लालचंद की सदस्यता रद्द कर दी। 1970 में उपचुनाव हुए तो चौटाला ने जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने। 1987 के विधानसभा चुनाव में लोकदल को 90 सीटों में से 60 पर जीत मिली। ओमप्रकाश चौटाला के पिता देवीलाल दूसरी बार सीएम बने। दो साल बादलोकसभा चुनाव में केंद्र में जनता दल की सरकार बन गई जिसमें वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने। देवीलाल भी सरकार का हिस्सा बने और उन्हें उपप्रधानमंत्री बनाया गया। अगले दिन दिल्ली में लोकदल के विधायकों की बैठक हुई। जिसमें ओपी चौटाला को सीएम के लिए चुन लिया गया।

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