Site icon 24 News Update

हड़ताल टूटी मगर हर एक लीटर पेट्रोल पर 13 रूपए का फटका बरकरार

Advertisements

उदयपुर। पेट्रोल डीलर्स की हड़ताल चौबीस घंटे बाद ही खत्म हो गई। आज सुबह 6 बजे से उदयपुर के सभी 200 पम्प चालू कर दिए गए। इसका कारण यह रहा कि कई जिलों में डीलर्स हड़ताल पर नहीं थे। आस-पास के जिलों में भी डीलर्स ने प्रशासन के भारी दबाव की वजह से हड़ताल वापसी का निर्णय करना ही बेहतर समझा। विभिन्न जिलों में प्रशासन ने अधिकारियों के माध्यम से जबर्दस्त दबाव बनाया और दूसरी तरफ तेल कंपनियों के अधिकारियों ने भी दो दिन तक लगातार दबाव बना कर हड़ताल को खत्म करने के निर्णय तक पहुंचने पर बाध्य करने जैसी स्थिति पैदा कर दी। अब पेट्रोलियम व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि मुद्दा जनता का था, अब जनता को ही तय करना है कि उनको सस्ता पेट्रोल कब चाहिए, उसके लिए कहां पर क्या प्रयास करने हैं। गौरतलब है कि हड़ताल भले ही टूट गई हो लेकिन लोगों को रोज पेट्रोल में करीब 13 रूपए और डीजल में 10 रूपए प्रति लीटर का फटका लग रहा है। इस मामले में विपक्षी दल कांग्रेस की खामोशी भी लोगों को खल रही है जिसके पास लोकसभा चुनाव को देखते हुए वेट को मुद्दा बनाने का अच्छा मौका था। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उदयपुर में सभा में कहा था कि राजस्थान में भाजपा की सरकार आते ही कीमतों को रिव्यू करेंगे लेकिन सरकार बनने के तीन महीने बाद अब ना तो पार्टी स्तर पर इसकी मांग की जा रही है ना ही विपक्ष की ओर से दबाव बनाया जा रहा है। जो गारंटी दी गई थी उसका गारंटी पीरियड भी निकलता जा रहा है।
एक दिन में 6 करोड़ रुपए का नुकसान
बताया जा रहा है कि उदयपुर जिले में हर पेट्रोल पंपों पर औसतत हर रोज 3 लाख रुपए का ईंधन बिकता है। 200 पेट्रोल पंपों से प्रतिदिन 100 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से 6 करोड़ का पेट्रोल और डीजल बिकता है। हड़ताल की वजह से पेट्रोल तथा डीजल की 12 करोड़ रुपए की बिक्री प्रभावित हुई।

Exit mobile version