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उदयपुर में 200 पम्प रहे बंददेसी-विदेशी टूरिस्ट तक हुए परेशान

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24 न्यूज अपडेट
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24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। उदयपुर शहर में आज सुबह से हडताल के चलते पेट्रोल पम्प बंद रहे। शहर से बाहर हाईवे पर वे सभी पेट्रोल पम्प खुले रहे जिनको कंपनियां सीधे ही चलती हैं। प्रतापनगर से आगे बीपीसीएल, एचपीसीएल, जिओ सहित अन्य पम्प खुले मगर वहां पर भी एसोसिएशन ने जाकर बंद का आह्वान किया। कुछ जगह बंद भी कर दिए गए मगर जिला प्रशासन की टीमों ने पम्प फिर से खुलवा दिए। हाईवे के कुछ पम्प डीलर्स की बजाय सीधे कंपनियों के अंडर में आते हैं। इसके अलावा जिले के सभी पेट्रोल पम्प बंद रहे। हड़ताल का आज उदयपुर शहर और जिले में व्यापक असर देखा जा रहा है। कई लोग पेट्रोल खत्म होने से रास्ते में ही अटक गए हैं। लोग पम्प पर पहुंचे मगर बहुत अनुनय विनय के बाद भी पेट्रोल नहीं मिला। राज राजेश्वर जैन, सचिव उदयपुर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने बताया कि एसोसिएशन ने सभी आपात सेवाओं को हडताल से मुक्त रखा है। बताया जा रहा है कि केवल उदयपुर में ही 6 करोड़ का नुकसान हुआ है। जानकारी अनुसार हड़ताल लंबी चली तो उदयपुर जिले में 7 लाख से ज्यादा वाहन प्रभावित होने का अनुमान है। अभी उदयपुर में प्रत्येक पेट्रोल पंप पर प्रतिदिन औसत 3 लाख रुपए का ईंधन बिकता है। इस हिसाब बसे 200 पेट्रोल पंपों से प्रतिदिन 100 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से 6 करोड़ रुपए का पेट्रोल-डीजल बिकता है। यानी दो दिन पेट्रोल पंप बंद रहने से अकेले उदयपुर में 12 करोड़ रुपए के आर्थिक नुकसान होने का अनुमान है। बता दें, वैट को लेकर पंप पिछले साल 13 से 15 सिंतबर तक बंद रहे थे। जहां तक हडताल के खत्म होने का प्रश्न है तो बताया जा रहा है कि कल तक इसकी संभावना कम है क्योंकि आज जयपुर में सीएम भजनलाल शर्मा व्यस्त रहे व उनकी मुलाकात अब तक डीलर्स एसोसिएशन से नहीं हुई है। कई कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने के जलसे की वजह से सीएम व्यस्त हैं,ऐसे में कल जो जयपुर में मौन रैली निकाली जाएगी उसके बाद कोई बात बन सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि शाम तक सरकारी स्तर पर कोई प्रयास नहीं हुआ तो कल भी हड़ताल का चलना तय है। इधर, सूचना मिली है कि चित्तौडगढ में आज पेट्रोल पम्प मालिकों ने चार घंटे का बंद रखा और सुबह 10 बजे पम्प खोल दिए। इसका कारण ये बताया जा रहा है कि चित्तौड़गढ़ एमपी की सीमा पर है और एमपी व चित्तौड़ में पेट्रोल के दामों में खास अंतर नहीं है।
डीलर्स याद दिला रहे मोदी की गारंटी
उदयपुर में हुई चुनावी सभा में पीएम नरेन्द्र मोदी ने पेट्रोल डीजल की कीमतों पर आक्रोष जताते हुए कहा था कि हमारी सरकार आते ही पुनर्विचार करेगी। डीलर्स हडताल के दौरान यही पक्ष रख रहे हैं कि हम तो केवल मोदीजी की गारंटी याद दिला रहे हैं। तीन महीने होने को आए हैं, पेट्रोल की कीमतें आखिर भाजपा सरकार क्यों नहीं घटा रही है। इधर, इस मुद्दे पर आमजन भी सवाल उठा रहा है कि चुनावी घोषणा पत्र में शामिल मुद्दे को लागू करने में भाजपा सरकार को आखिर क्या दिक्कत हो रही है। वह भी तब जब कीमतें घटा कर उसका लाभ लोकसभा चुनाव में ले सकती है।
राजसमंद में भी पम्प बंद
पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश चौधरी के अनुसार सरकार की वैट ओर कमिशन को लेकर दमनकारी नीतियों के विरोध में आज सुबह 6 बजे से सभी पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल व डीजल की बिक्री बंद है व जिले के सभी पेट्रोल डीजल पंप इस हड़ताल में शामिल है। रविवार को पेट्रोल डीजल पम्पों हडताल के आह्वान के बाद कई लोगो ने पेट्रोल पम्प पर पहुंच कर पेट्रोल भरवाया। राजसमंद शहर में कुल 6 पेट्रोल व डीजल पम्प हैं जहां पर सुबह 6 बजे पेट्रोल व डीजल की सेल नहीं की। इससे जन-जीवन प्रभावित रहा है। लोगों को निराश लौटना पड़ा। लम्बी दूरी पर जाने वाले वाहन चालकों ने अपने कार्यक्रम रद्द किए।
बीकानेर में दो घंटे बंद रहे पेट्रोल पंप
बीकानेर में दो घंटे हड़ताल के बाद खुले पेट्रोल पंप बीकानेर में दोपहर 12 से 2 बजे तक हड़ताल रही, इसके बाद पेट्रोल पंप खुल गए। जिला पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने फिलहाल सोमवार को हड़ताल को लेकर कोई फैसला नहीं किया है। पाली में हड़ताल का असर है। कई वाहन ड्राइवर हड़ताल का पता नहीं होने पर पेट्रोल भरवाने पहुंच गए। पंपकर्मियों ने हड़ताल का हवाला देकर गाड़ियों में पेट्रोल नहीं भरा और वापस जाने को कहा। पाली जिले में कुल 270 पेट्रोल पंप हड़ताल के चलते बंद रहे।
राजस्थान में 35 करोड़ का नुकसान
जयपुर सहित इंटर स्टेट बॉर्डर वाले जिलों में हड़ताल का अधिक असर है। यहां से लोग यूपी, हरियाणा में पेट्रोल-डीजल भरवाने जा रहे हैं। वहीं, हड़ताल से सरकार को डेली 35 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
मंत्री से वार्ता में नहीं निकला हल
प्रदेश में दूसरे दिन भी बंद रहेंगे पेट्रोल पंप। रविवार को डीलर्स की सरकार से हुई वार्ता बेनतीजा रही। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की सचिवालय में उद्योग मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ से वार्ता हुई। वार्ता में कई मुद्दों पर सहमति बनी। लेकिन वैट कम करने का फैसला सीएम स्तर पर ही संभव। ऐसे में अब सीएम स्तर पर दूसरे दौर की वार्ता हो सकती है। फिलहाल एसोसिएशन अपने स्टैंड पर कायम।

डूंगरपुर में बंद का व्यापक असर
पेट्रोल पंप एसोसिएशन के सचिव गजेंद्र जैन ने बताया कि भाजपा ने सरकार बनते ही पेट्रोल और डीजल से वैट घटाकर रेट कम करने की बात कही थी, लेकिन 3 महीने बाद भी अब तक वैट कम नहीं किया गया है, जबकि पड़ोसी राज्य गुजरात में दोनों के रेट कम हैं। इसका असर डूंगरपुर जिले में बिक्री पर भी पड़ रहा है। बॉर्डर से लगे पेट्रोल पंप पूरी तरह से बंद पड़े हैं। जिससे पेट्रोल पंप संचालकों को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल पर वैट कम नहीं होने तक उनका विरोध जारी रहेगा। वहीं सोमवार को भी पेट्रोल पंप पर हड़ताल रहेगी।

इनका कहना है
हमारी हडताल सफल रही है। हम तो सिर्फ यह मांग कर रहे हैं कि जो वादा चुनाव से पहले भाजपा की ओर से किया गया था वह पूरा कर दिया जाए। जनता का भी यही पक्ष है। इसके अलावा डीलरों का कमीशन जो बरसों से नहीं बढा है उसे तत्काल बढा कर हमें राहत दी जाए। आज की हडताल का 95 प्रतिशत असर है जो जबर्दस्त है। हम जनता का और सभी डीलर्स साथियों का इसके लिए धन्यवाद देते हैं। कल सुबह 6 बजे तक हड़ताल है व उसके बाद जयपुर में मोन रैली होगी। उसके बाद ही कोई फैसला हो पाएगा। बॉर्डर एरिया में सबसे ज्यादा हडताल का असर है क्योंकि वहां पर पम्प मालिक बहुत ज्यादा आर्थिक संकट में आ गए हैं। हाईवे पर प्रशासन ने पम्प खुलवाने की कोशिश की मगर हमने बंद करवा दिए। इसके अलावा उन सभी पम्पों पर स्टाफ रोजमर्रा जितना ही होने से कतारें लगीं। वेट कम होने से राजनीतिक फायदा भी होगा व जनता को भी फायदा होगा। राज्य सरकार को यह निर्णय तत्काल ले लेना चाहिए।

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