24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। मजदूर दिवस चला गया मगर अस्थायी रूप से बरसों से काम करने वालों की परेषानियां कम नहीं हुईं। सर्दी हो या गर्मी, सबका असर परमानेंट कर्मचारियों पर ही पड़ता है व उनकी सुविधाओं में कहीं कमी नहीं आती है लेकिन जैसे ही बात टेम्परेरी कर्मचारी की आती है नियम बदल जाते हैं, सोच बदल जाती है और गर्मी में भी सर्दी का अहसास होने लग जाता है। मामला सुखाड़िया विष्वविद्यालय का है। यहां पर दो आदेषों ने साफ कर दिया है कि अस्थायी कर्मचारियों को गर्मी में अधिक देर तक काम करना है जबकि स्थायी कर्मचारियों को इसी कालखंड में रियायत है। चर्चा हो रही है व कहा जा रहा है कि क्या करें, हम तो अस्थायी हैं, क्या हम जैसे मजदूर वर्ग को गर्मी नहीं लगती है। एक तरफ 27.4.2024 को ऑर्डर निकाला गया कि गर्मी में सुबह 8.00 से 1.00 का समय रहेगा वही दूसरा ऑर्डर आज निकला। इसमें समय है सुबह 8.00 से 3.00 बजे तक का। संविदाकर्मियों या एसएफएबी वालों को 7 घंटे की नौकरी भी करनी है और इस दौरान खाना भी खाना है। इस आदेष के बाद यह तो तय हो गया है कि सुविवि में परमानेंट वालों को अलग ट्रीटमेंट मिलता है जबकि अस्थायी कर्मचारियों को चक्की पिसिंग वाला ट्रीटमेंट।
सुविवि में स्थायी को कूल-कूल, अस्थायी को चक्की पिसिंग वाला ट्रीटमेंट

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